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सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऑन लाइन प्रमाणन के लिए आमंत्रित किए सुझाव

punya prasoon bajpayi सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऑन लाइन प्रमाणन के लिए आमंत्रित किए सुझाव
  • संवाददाता, भारत खबर

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के नए लोगो और प्रमाणपत्र डिजाइन का अनावरण किया। मुंबई में सीबीएफसी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में इसे लॉन्च किया गया। इस कार्यक्रम में भारतीय फिल्म उद्योग और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के बोर्ड सदस्य परस्‍पर बातचीत के लिए शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे और सीबीएफसी के चेयरमैन प्रसून जोशी तथा फिल्‍म जगत से एकता कपूर, कंगना रनौत, संजय खान, सतीश कौशिक, मधुर भंडारकर, विधु विनोद चोपड़ा, बोनी कपूर, रमेश सिप्पी, अनुपमा चोपड़ा, सुभाष घई, सुधीर मिश्रा, अतुल कासबेकर, विद्या बालन, सिद्धार्थ रॉय कपूर, प्रहलाद कक्‍कड, किरन शांताराम और कुणाल कोहली शामिल हुए।

फिल्‍म उद्योग के प्रतिनिधियों तथा सीबीएफसी के बोर्ड सदस्‍यों को संबोधित करते हुए मुख्‍य अतिथि प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बदलती डिजिटल व्‍यवस्‍था को ध्‍यान में रखते हुए नए प्रमाणपत्र डिजाइन में क्‍यूआर कोड की शुरुआत की गई है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और फिल्‍म निर्माताओं को अधिक जानकारी प्राप्‍त होगी। उन्‍होंने सीबीएफसी के कार्यों की सराहना की।

जावड़ेकर कहा कि जब केबल टेलीविजन और डीटीएच की शुरुआत हुई तो लोगों ने इतनी कम दर पर इन सेवाओं के उपयोग की कल्‍पना नहीं की थी, लेकिन ट्राई के आदेश के पश्‍चात यह जल्‍द ही संभव होगा। इन दिनों सोशल मीडिया के कारण सिर्फ एक या दो शो के बाद यह स्‍पष्‍ट हो जाता है कि फिल्‍म सफल होगी या नहीं।

आधुनिक जीवन में मनोरंजन को लेकर जावड़ेकर ने टीवी कार्यक्रम निर्माताओं से अपील करते हुए कहा कि उन्‍हें तकनीक का ऐसा प्रयोग करना चाहिए कि दृष्टि बाधित भी फिल्‍म को बेहतर ढ़ंग से समझ सकें। ऐसी तकनीक का उपयोग मात्र एक या दो लाख रुपए प्रति फिल्‍म के खर्च पर किया जा सकता है। निजी समाचार चैनलों को प्रयास करना चाहिए कि वे कम से कम प्रति सप्‍ताह एक बुलेटिन श्रवण बाधित लोगों के लिए तैयार करें।

भारत अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव के स्‍वर्ण जयंती समारोह के बारे में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस वर्ष का आईएफएफआई विशिष्‍ट होगा। आईएफएफआई 2019 की थीम है – एक भारत श्रेष्‍ठ भारत। उद्घाटन और समापन समारोह इस थीम को प्रदर्शित करेंगे। मैं सभी से अपील करता हूं कि वे इन कार्यक्रमों में शामिल हों। हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि फिल्‍म निर्माण भी एक उद्योग है। हम फिल्‍म व्‍यवसाय सम्‍मेलन आयोजित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें फिल्‍मों के व्‍यावसायिक आयामों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। मुंबई में फिल्‍म बाजार आयोजित किया जाएगा। इसमें व्‍यापार संवर्द्धन, तकनीक संयोजन और निर्यात संवर्द्धन जैसे विषयों पर विचार किया जाएगा।

जावड़ेकर ने कहा कि पायरेसी रोकने के लिए सरकार सिनेमेटोग्राफ अधिनियम में बदलाव करने जा रही है। कलाकारों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए कॉपीराइट एक्‍ट में पहले ही बदलाव किया जा चुका है। उन्‍होंने ऑनलाइन सामग्री के प्रमाणन के लिए सभी हितधारकों और उपस्थित जन समुदाय से सुझाव आमंत्रित किए।

नए डिजाइन के बार में सीबीएफसी के चेयरमैन ने कहा कि यह नया डिजाइन समकालीन डिजिटल विश्‍व को प्रदर्शित करता है। इससे हमें कार्य करने में सुविधा होगी। डिजाइन में यह बदलाव केवल ऊपरी दिखावा नहीं है, बल्कि यह कार्य प्रक्रिया में शामिल हो चुका है और यह सीबीएफसी के मूल्‍य संवर्द्धन दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।

सीबीएफसी के चेयरमैन प्रसून जोशी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सीबीएफसी ने कई पहलों की शुरुआत की है। इनसे फिल्‍म उद्योग को लाभ मिलेगा। बोर्ड फिल्‍म उद्योग के मामलों को आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय और सकारात्‍मक भूमिका निभा रहा है। बोर्ड के कार्यों में पारदर्शीता बढ़ी है। फिल्‍म निर्माता किसी भी फिल्‍म के बारे में सीबीएफसी की वेबसाइट से जानकारी प्राप्‍त कर सकते हैं। एडब्‍ल्‍यूबीआई (भारत पशु कल्‍याण बोर्ड) के मामलों को सरल बनाया गया है। उन्‍होंने अपने बोर्ड सदस्‍यों की सराहना की। बोर्ड के सदस्‍य हैं- नरेंद्र कोहली, विद्या बालन, वामन केंद्रे, विवेक अग्निहोत्री, गौतमी तदिमल्ला, टी. एस. नागभरण, वाणी त्रिपाठी टीकू, नरेश चंदर लाल, नील हरबर्ट नोंगकिरीह, जीविता राजशेखर, रमेश पाटंगे और मिहिर भूटा।

चेयरमैन जोशी ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से कला में सहभागिता रहती थी और इसमें सह-निर्माण की भावना मौजूद रहती थी। बाद में बदलाव आया। अभिनय करने वाले सक्रिय भूमिका निभाते थे और दर्शक निष्क्रिय हो गए। जोशी ने कहा कि तकनीक से एक नई वास्‍तविकता सामने आई है। इसके द्वारा अभिनय करने वाले और दर्शक दोनों की सक्रिय हुए हैं। इससे लोगों को अपने विचार रखने का अवसर मिला है। दर्शक और रचनात्‍मक व्‍यक्तियों के बीच का आपसी विश्‍वास बहुत महत्‍वपूर्ण है। यदि कलाकारों पर विश्‍वास में कमी आती है, तो हमारी दुनिया पर इसका नकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा। सांस्‍कृतिक विचारों को सामने रखने के लिए केवल संवाद के माध्‍यम का उपयोग किया जाना चाहिए न कि आदेश का। सीबीएफसी ने इस दृष्टिकोण को अपनाया है। जोशी ने नागरिकों को विभिन्‍न फिल्‍म रेटिंग के बारे में शिक्षित करने की जरूरत को रेखांकित किया।

नया डिजाइन भविष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए तैयार किया गया है। क्‍यूआर कोड को स्‍कैन करने पर प्रमाण पत्र के बारे में अधिक जानकारी ऑनलाइन प्राप्‍त की जा सकती है। प्रसून जोशी ने इस डिजाइन की परिकल्‍पना की थी। इस डिजाइन को एनएसडीएल के सहयोग से रोहित देवगन ने तैयार किया है।

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