featured देश

वियतनाम को 50 करोड़ डॉलर रक्षा ऋण की भारत की पेशकश

Modi 2 वियतनाम को 50 करोड़ डॉलर रक्षा ऋण की भारत की पेशकश

हनोई। भारत ने वियतनाम के साथ अपने रक्षा संबंधों को मजबूत करते हुए गश्ती नौका के निर्माण पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए और 50 करोड़ डॉलर रक्षा ऋण की पेशकश की। दोनों पक्षों ने अपने रिश्ते को रणनीतिक साझेदारी से बढ़ाकर व्यापक रणनीतिक साझेदारी में परिवर्तित की। वियतनाम के प्रधानमंत्री न्यूएन सुअन फुक के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद जारी एक संयुक्त बयान में मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए रक्षा और सुरक्षा आदान-प्रदान बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।

Modi

मोदी ने कहा, “आज सुबह समुद्री गश्ती नौकाओं के निर्माण पर हुआ समझौता हमारे रक्षा संबंधों को ठोस आकार देने की दिशा में एक कदम है।” मोदी ने कहा, “मैं रक्षा सहयोग को गहरा बनाने के लिए वियतनाम के लिए 50 करोड़ डॉलर के एक नए रक्षा ऋण की घोषणा करके भी खुश हूं।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आसियान क्षेत्र भारत के लिए ऐतिहासिक जुड़ावों, भौगोलिक निकटता, सांस्कृतिक संबंधों एवं रणनीतिक स्थान के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।

वियतनाम आसियान (दक्षिण एशियाई देशों के संगठन) के लिए भारत का समन्वयक देश है। मोदी ने कहा, “आसियान हमारे एक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में है। हम भारत के लिए आसियान समन्वयक के रूप में वियतनाम के नेतृत्व में भारत-आसियान साझेदारी को सभी क्षेत्रों में मजबूत करने के लिए काम करेंगे।”

मोदी ने कहा कि वियतनाम में तीव्र विकास हो रहा है और यहां विकास दर मजबूत है। उन्होंने कहा, “चूंकि वियतनात अपने लोगों को सशक्त और समृद्ध बनाना चाहता है, अपने कृषि को आधुनिक बनाना चाहता है, उद्यमिता और नवाचार को प्रोत्साहित करना चाहता है, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का आधार मजबूत करना चाहता है, तीव्र आर्थिक विकास के लिए नई संस्थानिक क्षमताएं तैयार करना चाहता है, और एक आधुनिक राष्ट्र के निर्माण के लिए कदम उठाना चाहता है, इसलिए भारत और 1.25 अरब भारतीय जनता वियतनाम की इस यात्रा में साझेदार और मित्र बनने के लिए तैयार है।”

मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री फुक के साथ उनकी बातचीत में सभी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा, “अपनी रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाकर एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने का हमारा निर्णय हमारे भविष्य के सहयोग के इरादे और रास्ते को स्पष्ट करता है।” उन्होंने कहा, “यह हमारे द्विपक्षीय सहयोग को एक नई दिशा, गति और आधार मुहैया कराएगा। हमारे सामूहिक प्रयास इस क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि में भी योगदान करेंगे।”

मोदी ने न्हा त्रांग स्थित टेलीकम्युनिकेशन युनिवर्सिटी में सॉफ्टवेयर पार्क के लिए 50 लाख डॉलर के एक अनुदान की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, “अंतरिक्ष सहयोग पर कार्ययोजना समझौते से वियतनाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के साथ हाथ मिला सकेगा और राष्ट्रीय विकास के अपने उद्देश्यों को पूरा कर सकेगा।” द्विपक्षीय वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने कहा कि नए व्यापार और कारोबारी अवसरों का लाभ उठाकर 2020 तक 15 अरब डॉलर व्यापार लक्ष्य हासिल किया जाएगा। भारत का वियतनाम के साथ द्विपक्षीय व्यापार फिलहाल 7.8 अरब डॉलर है।

मोदी ने दोनों देशों के लोगों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि हनोई में जल्द ही एक सांस्कृतिक केंद्र खोला जाएगा। उन्होंने कहा, “भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण माय सॅन स्थित चाम स्मारक के संरक्षण और मरम्मत के काम जल्द ही शुरू कर सकता है।” माय सॅन स्मारक चौथी और 14वीं सदी के बीच निर्मित हिंदू मंदिरों के भग्नावशेषों का एक समूह है। ये मंदिर भगवान शिव के थे।

भारत और वियतनाम ने कुल 12 करारों पर हस्ताक्षर किए हैं। मोदी शुक्रवार को वियतनाम पहुंचे। पिछले 15 वर्षों में वियतनाम की द्विपक्षीय यात्रा करने वाले वह पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले शनिवार को हनोई स्थित राष्ट्रपति महल में मोदी का भव्य स्वागत किया गया।

Related posts

मध्य प्रदेश: चुनाव से पहले कांग्रेस का बड़ा दांव, कमलनाथ को बनाया प्रदेश अध्यक्ष

rituraj

घरेलू ऑटोमोबाइल की बिक्री में लगातार गिरावट

Trinath Mishra

लॉकडाउन की अखिरी तारीख तय होने के बाद किसी को नहीं मिलेगी बिहार आने की इजाजत

Rani Naqvi