उत्तराखण्डः अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड ने बताया कि विगत 7 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस वर्ष 7 लाख 32 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किये। वर्ष 2013 की त्रासदी के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई थी। पिछले वर्षों में उठते-उठते संख्या 4 लाख से ऊपर आ गयी, जबकि 2013 से पहले श्रद्धालुओं की संख्या का औसत आंकड़ा लगभग 5 लाख चल रहा था, 2012 में 5 लाख 73 हजार यात्री आये थे। इस साल सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 7 लाख 32 हजार यात्री केदारनाथ जी में दर्शन के लिए पहुंचे। ये यात्रा की सफलता का परिचायक है।
केदारनाथ रूट व सोनप्रयाग में एसडीआरएफ भी तैनात
पुलिस महानिदेशक ने यह भी बताया कि चार धाम यात्रा को सफल बनाने एवं श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा की दृष्टि से सारी व्यवस्थाएं बहुत सुदृढ़ की। केदारनाथ रूट व सोनप्रयाग में एसडीआरएफ भी तैनात की गई। साथ ही यात्रा सीजन में यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा एवं सहयोग आदि हेतु यात्रा रूट पर अस्थाई सीजनल पुलिस चौकियां स्थापित कर उन पर आवश्यकतानुसार पर्याप्त पुलिस बल, क्यूआरटी, पीएसी, आईआरबी, होमगार्डस एवं पीआरडी स्वयं सेवको को भंली-भांति ब्रीफ कर तैनात किये गये थे।
केदारनाथ मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित है
आपको बता दें कि बाबा केदारनाथ धाम भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है।उत्तराखण्ड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित है। यह मन्दिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्य ही दर्शन के लिए खुलता है। जिसका कारण है यहां की प्रतिकूल जलवायु। पत्थरों से बने कत्यूरी शैली से बने इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पाण्डव वंश के जनमेजय ने कराया था।
अचानक आई बाढ़ के कारण केदारनाथ प्रभावित हुआ
जून 2013 में उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश राज्यों में अचानक आई बाढ़ के कारण केदारनाथ प्रभावित हुआ था। इस बाढ़ त्रासदी में मंदिर की दीवारें गिर गई कर जल प्रवाह में बह गयी थीं। हालांकि ऐतिहासिक मन्दिर का मुख्य हिस्सा और सदियों पुराना गुंबद पूरी तर सुरक्षित आज भी मौजूद है। जल प्रलय में मन्दिर का प्रवेश द्वार और आस- पास का हिस्सा पूरी तरह तबाह हो गया है। जाहिर सी बात है कि इस प्राकृतिक घटना के बाद श्रृद्धालुओं की संख्या मे कमी हुई। लेकिन इस वर्ष बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे श्रृद्धालु की संख्या ने पिछले 7 वर्षो का रिकॉर्ड तोड़ा है।