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गुजरात दंगाःतत्कालीन सरकार ने अनुच्छेद 355 का प्रयोग क्यों नहीं किया-हामिद अंसारी

गुजरात दंगाःतत्कालीन सरकार ने अनुच्छेद 355 का प्रयोग क्यों नहीं किया-हामिद अंसारी

पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 2002 के गुजरात दंगों का जिक्र करते हुए बीते रोज कहा कि तत्कालीन केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 355 का प्रयोग क्यों नहीं किया जबकि रक्षा मंत्री मौके पर थे। बता दें कि अंसारी ने यह बात लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जमीर उद्दीन शाह की पुस्तक ‘द संस्कारी मुसलमान’ के विमोचन के दौरान कही।लेफ्टिनेंट जनरल ने सेना की उस डिविजन का नेतृत्व किया था जिसने गुजरात में दंगों को शांत कराया था।

 

 गुजरात दंगाःतत्कालीन सरकार ने अनुच्छेद 355 का प्रयोग क्यों नहीं किया-हामिद अंसारी
गुजरात दंगाःतत्कालीन सरकार ने अनुच्छेद 355 का प्रयोग क्यों नहीं किया-हामिद अंसारी

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पूर्व उप राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद का कोई सैन्य हल नहीं है क्योंकि सामान्य स्थिति लोगों का दिल और दिमाग जीतकर ही बहाल की जा सकती है। अंसारी ने दंगों पर शाह की पुस्तक की कुछ टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि नागरिक प्रशासन की प्रारंभिक प्रतिक्रिया सुस्त थी। कर्फ्यू का आदेश दे दिया गया था लेकिन वह लागू नहीं हुआ था।अंसारी ने कहा कि शांति समितियां बुलाने का कोई प्रयास नहीं किया और पुलिस का रवैया पक्षपातपूर्ण था।

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पूर्व उप राष्ट्रपति ने कहा कि यदि नागरिक और पुलिस प्रशासन कानून एवं व्यवस्था की बड़े पैमाने पर विफलता पर प्रतिक्रिया नहीं जताता तो लोकतांत्रिक और संसदीय प्रणाली में जिम्मेदारी किसकी है। उन्होंने सवाल किया कि   केंद्र ने  संविधान के अनुच्छेद 355 का इस्तेमाल क्यों नहीं किया. ? अनुच्छेद 355 के तहत केंद्र का यह दायित्व है कि वह आंतरिक अशांति के समय राज्य का संरक्षण करे। पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायणन ने 2005 में एक मलयालम साप्ताहिक के साथ साक्षात्कार में सरकार के साथ अपनी आपत्ति का खुलासा किया था।अंसारी ने कहा कि मैं उन्हें (नारायणन को) उद्धृत करता हूं।सेना भेज दी गई थी लेकिन उसे गोली चलाने का अधिकार नहीं दिया गया था।

गुजरात दंगों के पीछे केंद्र और राज्य सरकार की संलिप्तता वाला एक षड्यंत्र था।अलीगढ़ स्थित ‘फोरम फार मुस्लिम स्टडीज एंड एनालिसिस’ के निदेशक जसीम मोहम्मद ने शाह द्वारा अपनी पुस्तक में गुजरात की तत्कालीन सरकार की भूमिका के संबंध में किये गए दावों का विरोध किया है। उन्होंने दावा किया कि गुजरात की तत्कालीन सरकार के बारे में शाह के दावे गलत हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मार्च 2016 में मुलाकात की थी जिस दौरान मैं भी मौजूद था और शाह साहब ने 2002 में मुख्यमंत्री के तौर पर सेना को सहयोग मुहैया कराने के लिए मोदी की प्रशंसा की थी। एक ही समय दोनों चीजें कैसे सही हो सकती हैं।

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