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उत्तराखंड के बाराहोती इलाके में जुलाई के पहले सप्ताह में चीन सैनिकों ने की घुसपैठ

भारत की सीमा के अंदर चीन का घुसपैठ उत्तराखंड के बाराहोती इलाके में जुलाई के पहले सप्ताह में चीन सैनिकों ने की घुसपैठ

चीन की घुसपैठ वाली नापक हरकत एक बार फिर देखने को मिली है। जी हां भारत-चीन सरहद पर चीनी सैनिकों को द्वारा घुसपैठ करने के हरकत को बार- बार अंजाम दिया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार चीनी सेना ने उत्तराखंड के बाराहोती इलाके में जुलाई के पहले सप्ताह में बड़ी घुसपैठ की।

 

भारत की सीमा के अंदर चीन का घुसपैठ उत्तराखंड के बाराहोती इलाके में जुलाई के पहले सप्ताह में चीन सैनिकों ने की घुसपैठ
भारत-चीन सरहद

10 जुलाई को बाराहोती के तुनजून ला के पास मोटर साइकिल के द्वारा घुसपैठ की थी

सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिकों (PLA) ने 10 जुलाई को बाराहोती के तुनजून ला के पास मोटर साइकिल के द्वारा घुसपैठ की थी।खबर है कि एक चीनी सैनिक मोटरसाइकिल से लगभग 500 मीटर अंदर बाराहोती के इलाके में आ पहुंचा था। लेकिन (ITBP) के विरोध के विरोध करने पर चीनी सैनिक बाराहोती के इलाके से वापस निकल लिया।

सैनिकों ने जुलाई के महीने में करीब 5 बार बाराहोती इलाके में घुसपैठ की है

सूत्रों के अनुसार चीनी सैनिकों ने जुलाई के महीने में करीब 5 बार बाराहोती इलाके में घुसपैठ की है। बताते चलें कि 8 जुलाई को चीन के 32 सैनिकों ने आधा दर्जन गाड़ियों के द्वारा घुसपैठ की थी। और यहां के होतीगाद इलाके में करीब 4 किलोमीटर अंदर चीनी सैनिक घुसे पाए गए थे। इतना ही नहीं गाड़ियों के साथ-साथ 8 जुलाई को ही एक दर्जन चीनी सैनिक घोड़े से आए थे।

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भारतीय सैनिकों और अर्ध सैनिक बलों के विरोध जताने पर चीनी सैनिक वापस लौट गए

बता दें कि भारतीय सुरक्षा बलों के विरोध के बाद यह चीनी सैनिक वापस तो लौट गए। मिली जानकारी के मुताबिक 3 जुलाई, 6 जुलाई और 7 जुलाई को भी चीनी सैनिक तुनजुन ला के पास करीब 200 मीटर अंदर घुस आए थे।भारतीय सैनिकों और अर्ध सैनिक बलों के विरोध जताने पर चीनी सैनिक वापस लौट गए। लेकिन काफी झड़प हुई थी।

करीब 80 हजार स्क्वायर फीट में फैला यहां पर बहुत बड़ा चारागाह है

गौरतलब है कि बाराहोती का यह इलाका हमेशा चर्चा में रहता है। यहां चीन हमेशा घुसपैठ कर यह जताने की कोशिश करता है कि वह उसका इलाका है।करीब 80 हजार स्क्वायर फीट में फैला यहां पर बहुत बड़ा चारागाह है। जो कि दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है।इस इलाके में चीन भी पर दावा करता है लेकिन भारतीय जवानों की जांबाजी से उन्हें पीछे लौटना पड़ता है।

चीनी सैनिकों उत्तराखंड के तीन जिले उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ चीन की सीमा के नजदीक हैं

उत्तराखंड भी हिमालय क्षेत्र में आता है और चीन के साथ 345 किलो मीटर लंबी सीमा एक-दूसरे से लगी है। इसी कारण उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों में चीनी सैनिकों उत्तराखंड के तीन जिले उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ चीन की सीमा के नजदीक हैं। मालूम हो कि भारत-चीन युद्ध के पहले यहां के निवासियों के तिब्बत से व्यापारिक संबंध थे। लेकिन 1962 में चीन से जंग के बाद ये संबंध खत्म हो गए।

महेश कुमार यदुवंशी  

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