श्रीनगर। सीआरपीएफ के कमांडेंट राजेश यादव का कहना है कि घाटी के हालातों में पहले के मुकाबलें काफी सुधार हुआ है। घाटी में कल तक जो युवा पत्थरबाजी करते थे अब वो खेलों में दिलचस्पी ले रहे हैं। जो युवा गुमराह होकर रास्ता भटक गए हैं। उन्हें वापस लाने की कोशिश की जा रही है और जो आत्मसपर्ण कर रहें हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। गृहमंत्रालय का कहना है कि ऐसे युवाओं को जेल से सुधार गृह भेजा जाए। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि युवाओं को ऐसा न लगे कि उन्हें उनकी गलती की सजा दी जा रही है। उन्हें ऐसा लगना चाहिए की सेना उनकी मदद कर रही है।
बता दें कि यादव का कहना है कि अंडर अंडर-14, -19 टूर्नामेंट कराए जा रहे हैं। इसमें बड़ी तादाद में युवा जुड़ रहे हैं। स्कूलों में भी खेल-कूद के सामान पहुंचाए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस भी मदद कर रही है। अभी एक लड़का वापस आया है, ऐसे और लड़कों के परिवार वालों से भी बोला गया है कि वे बच्चों को घर लौटने के लिए कहें, क्योंकि आज नहीं तो कल वे एनकाउंटर में मारे जाएंगे। एनआईए के छापों से भी असर पड़ा है। यह सुरक्षा बलों में बेहतर कॉर्डिनेशन से संभव हुआ है। घाटी में बर्फबारी की वजह से भी पीओके से घुसपैठ कम हो जाती है।