शिवनंदन सिंह संवाददाता
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज होने पर यूपी सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड के इण्डो इस्लामिक फाउंडेशन के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने कहा कि भारत के मुसलमानों को देश के संविधान और अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले में दी गयी व्यवस्था पर पूरी आस्था है। देश के मुसलमानों को भरोसा है कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और अन्य धर्म स्थलों की जो स्थिति 15 अगस्त 1947 को थी वह बरकरार रहेगी।
वही ज्ञानवापी मामले पर हुई सुनाई के बाद मुस्लिम पक्षकार में नाराजगी हैं मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा ये फैसला न्यायोचित नहीं हैं अब वह इस मामले मे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
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वही मामले में मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि एक्सपर्ट की टीम पहले फैसले को पढेगी उसके बाद कोई फैसला लिया जाएगा। वरशिप एक्ट को लेकर जो सुप्रीम कोर्ट ने कहा था उसके बाद उम्मीद जगी थी कि मंदिर मस्जिद को लेकर तमाम मामला हमेशा के लिए हल हो गए हैं। हम लोग कोर्ट के तमाम फैसलों का सम्मान करते हैं लीगल टीम पहले स्टडी करेगी फिर कोई कदम उठाया जाएगा। हर शहरी यह चाहता है यह सब लोग मिलकर मुल्क को तरक्की की राह पर ले जाएं। किसी तरह का कोई सांप्रदायिक मुद्दा न उठाया जाए देश का माहौल अच्छा बना रहे।
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जबकि मामले में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील होनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी इस आदेश के खिलाफ अपील करेगी। मेरा मानना है कि इस आदेश के बाद पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उद्देश्य विफल हो जाएगा।