लखनऊ: कोरोना ने दूसरी लहर में कई कमियों को उजागर कर दिया, इसी का परिणाम है कि अब IIT कानपुर और SGPGI के बीच करार हुआ है। इसका फायदा प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को मिलेगा। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीक बहुत बड़े बदलाव ला सकती है।
दूरी नहीं बनेगी इलाज में बाधक
IIT कानपुर और SGPGI के साथ आने से दूर-दराज के गांव में बैठे मरीज को भी बेहतर इलाज उपलब्ध करवाया जा सकेगा। विशेषज्ञ समय पर परामर्श देंगे और उसके बाद इलाज की प्रक्रिया को शुरु कर दिया जाएगा। मंगलवार को इसी संबंध में एक करार हुआ है, जिसमें डॉक्टर और इंजीनियर एक साथ आकर बेहतर परिणाम देने की कोशिश करेंगे।
5G का भी होगा इस्तेमाल
ग्रामीण इलाकों में सीएचसी, पीएचसी और जिला अस्पताल की सुविधा उपलब्ध होती है, लेकिन यहां भी सीमित इलाज के संसाधन मौजूद होते हैं। ऐसी स्थिति में कई बार बेहतर इलाज मिलना आसान नहीं हो पाता है। इन्हीं चुनौतियों का सामना करने के लिए 5G का इस्तेमाल किया जाएगा, इसकी मदद से टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। जिससे इन स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती मरीजों को वहीं रहते हुए परामर्श और बेहतर इलाज मिल जाएगा। हालांकि इसके लिए अस्पताल के संसाधन भी बढ़ाने पड़ेंगे।
इसी बीच इंटरनेट की स्पीड को भी बढ़ाया जा रहा है, ग्रामीण अस्पतालों में एंबुलेंस और इमरजेंसी की व्यवस्था भी उपलब्ध करवाई जाएगी। सीएचसी जैसे केंद्रों में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी डॉक्टरों से जुड़ सकेंगे। दूरी के बावजूद मरीजों की मॉनिटरिंग भी संभव होगी। अभी तक यह व्यवस्था सिर्फ बड़े अस्पतालों में मौजूद थी, जिसे IIT कानपुर और SGPGI की मदद से अन्य जगहों में उपलब्ध कराया जा रहा है।