हमारे दांत हमारे लिए काफी जरूरी होते हैं। ये हमें खाना चबाने, काटने और कई चीजों के लिए बेहद जरूरी होते हैं। वहीं, बढ़ती उम्र के साथ दांत टूटने लगते हैं। ऐसे में उस वक्त दांतों की जरूरत के बारे में असली एहसास होता है। वहीं, हमारे दांतों में कई तरह की समस्याएं भी होती हैं जिनमें से एक है दांतों में कीड़ा लगना। आजकल तो छोटी सी उम्र में ही लोगों के दांतों में कीड़ा लग जाता है और जिसके बाद उन्हें एक लंबे इलाज के प्रोसेस से गुजरना पड़ता है।
वहीं, दांतों का इलाज सस्ता नहीं बल्कि काफी महंगा है। ऐसे में कीड़ा लगने के बाद कई तरह की दिक्कतों को दूर करने के लिए कई दवाओं और ट्रीटमेंट से गुजरना पड़ता है। कोई भी चीज खाने के बाद दांतों की सफाई जरूरी है। सफाई नहीं होने से दांतों में कीड़े लगने लगते हैं। इससे दांत में गड्ढे हो जाते हैं। इससे नीचे का तल और खोखला हो जाता है। इस तरह मसूड़ों को नुकसान पहुंचता है। दांत ढीले पड़ जाते हैं व टूट जाते हैं। दांत टूटने से उसके अगल-बगल वाले दांत कमजोर हो जाते हैं और वे भी धीरे-धीरे हिलकर टूट जाते है। सफेद दांत की चाहत सभी को होती है लेकिन क्यूंकि हम दांतों के मामले में काफी लापरवाह होते हैं इसलिए समय से पहले या तो हमारे दांत टूट जाते हैं या खराब हो जाते हैं। दांत हमारे शरीर का अहम हिस्सा हैं।
जिनके जरिए ही हम दुनियाभर के स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं। हालांकि, कुछ लोगों के दांत बहुत कमजोर होते हैं या फिर उनमें कीड़े लग जाते हैं। आमतौर पर जाना जाता है कि बच्चों के दूधिया दांत कमजोर होते हैं लेकिन जब आप जवान हो जाते हैं तब ढीले दांत चिंता का विषय हैं। यह कोई अंडरलाइंग डिजीज या Poor Teeth Health का संकेत हो सकते हैं। इससे पहले कि ढीले दांत कोई बड़ी समस्या पैदा करें।
इनका जल्द से जल्द इलाज किया जाना चाहिए।आज हम आपको ओरल हेल्थ के बारे में जरूरी जानकारी दे रहे हैं. टेढ़े-मेढ़े दांतों को सीधा करने के लिए दांतों में तार लगाया जाता है। इसे अंग्रेजी में ब्रेसेस कहा जाता है। दांतों को एक पंक्ति में लाकर सीधा करने के लिए अक्सर डेंटिस्ट तार यानी ब्रेसेस की मदद लेते हैं। आपने भी दांतों में तार लगवाने के बारे में सुना ही होगा, लेकिन क्या दांतों में ब्रेसेस लगवाना सुरक्षित होता है या नहीं? या इसके फायदे-नुकसान क्या होते हैं।