भोपाल। लॉकडाउन के कारण बाहरी शहरों के साथ-साथ स्थानीय परिवहन सेवा पूरी तरह ठप है। यदि कोरोना वायरस से बचाव के लिए बरती जा रही सजगता व सतर्कता ने स्थाई रूप लिया तो परिवहन सेवा का संचालन करना आसान नहीं होगाbलो फ्लोर, मिडी, मिनी बसों, ऑटो, मैजिक वाहनों सहित मालवाहक वाहनों के मालिकों के सामने कई चुनौतियां आएंगी। यात्रियों से शारीरिक दूरी का पालन करवाना, वाहनों को सैनिटाइज करना, यात्रियों को बिना मास्क वाहनों में नहीं बैठाने जैसी कई समस्याएं सामने आएंगी। परिवहन विशेषज्ञों के मुताबिक स्थानीय परिवहन सेवा शुरू की जाती है तो कई बदलाव देखने को मिलेंगे। हालांकि, अभी परिवहन विभाग के पास शासन की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं आया है कि तीन मई के बाद लॉकडाउन में राहत देते हुए परिवहन सेवा शुरू करनी है।
परिवहन सेवा शुरू होने के बाद देखने मिलेंगे ये संभावित बदलाव – 56 सीट की बस में 30 से ज्यादा सवारी नहीं बैठ सकेंगी। – 32 सीट की मिनी बसों में 12 से ज्यादा यात्री नहीं बैठ सकेंगे। – 03 सीटर ऑटो रिक्शा में एक ही यात्री बैठ सकेगा। – 07 सीटर मैजिक वाहन में दो यात्री बैठ सकेंगे। – 04 सीटर कैब में दो सवारी ही बैठाने की अनुमति होगी। – यात्रियों को मुंह पर मास्क लगाना अनिवार्य होगा। – बसों, मैजिक व ऑटो में नियमित सैनिटाइजेशन कराना होगा। – निजी दोपहिया व चार पहिया वाहन में सुरक्षित शारीरिक दूरी बनानी होगी। दोपहिया गाड़ियों में एक और कार में दो लोग ही आ-जा सकेंगे
पूरी तरह चरमरा गई है परिवहन व्यवस्था, नुकसान का अंदाजा लगाना मुश्किल
लॉकडाउन में परिवहन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है। सही आकलन करना संभव नहीं है। शासन की ओर से वाहन मालिकों को टैक्स में राहत दी जाए। कंपनियां बीमा में राहत दें। ड्राइवर व कंडक्टरों को आर्थिक मदद मिले। जिलों की सभी सीमाएं सील हैं। इससे शहर के बाहर परिवहन सेवा शुरू होना फिलहाल मुश्किल है। यदि तीन मई के बाद शहर में यात्री वाहनों का संचालन किया भी जाता है तो भी यात्रियों से सुरक्षित शारीरिक दूरी, सैनिटाइजर व मास्क का इस्तेमाल कराना अधिकारियों के लिए चुनौती भरा होगा।
छह से आठ महीने लगेंगे परिवहन व्यवस्था बहाल होने में
भोपाल व कई शहरों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे नहीं लग रहा है कि इन शहरों में लॉकडाउन खुलेगा। यदि मप्र शासन कोरोना से बचाव के लिए बरती जा रही सजगता व सतर्कता को आने वाले कुछ समय के लिए स्थाई कर स्थानीय परिवहन सेवा शुरू करता है तो मुश्किलें बढ़ जाएंगी। सब कुछ इतना आसान नहीं रहेगा। परिवहन सेवा को बहाल होने में छह से आठ महीने लग सकते हैं।
फिलहाल तो इस बारे में स्पष्ट तौर पर कहा नहीं जा सकता है कि यात्री बसें कबसे शुरू हो पाएंगी, लेकिन इतना तय है कि जब भी शुरू होती हैं और कोरोना के मामले नहीं रुकते हैं तो यात्रियों को शारीरिक दूरी का पालन बस के भीतर और बस स्टैंड में भी कराया जाएगा। तीन सीट वाली लाइन में बीच की सीट खाली रखने और दो सीट वाली लाइन में एक सीट पर सवारी बैठाने के निर्देश दिए जाएंगे। परिवहन कार्यालय में तो अभी से इसका पालन किया जा रहा है। इसका अलावा शासन के जो भी निर्देश होंगे उसका पूरी तरह से पालन किया जाएगा। लॉकडाउन हटने के पहले पूरी व्यवस्था की समीक्षा भी की जाएगी।