चेन्नई। हाल ही में दक्षिण भारतीय और हिंदी फिल्मों के फेमस कलाकार रजनीकांत ने राजनीति में उतरने के बाद पहली बार द्रमुक अध्यक्ष करुणानिधी से मुलाकात की थी। इसको लेकर द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन का कहना है कि तमिलनाडु द्रविड़ आंदलोन का उद्गम स्थल है और यहां आध्यात्मिक राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है। उनका ये बयान ऐसे समय में आया है जब राजनीति में प्रवेश करने की घोषणा के कुछ दिन बाद रजनीकांत ने उनके पिता एवं द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि से उनके निवास पर मुलाकात की थी।
स्टालिन ने कहा कि कुछ लोग ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि रजनीकांत तमिलनाडु में द्रविड़ आंदोलन का खात्मा करने का इरादा रखने वाले लोगों के कहने पर पार्टी शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह पेरियार अन्ना (द्रविड़ ककागम के संस्थापक ई वी रामसामी पेरियार) और कलईगनर (करुणानिधि) की भूमि है, अतीत में भी ऐसे कई प्रयास असफल हो चुके हैं। रजनीकांत के भविष्य में द्रमुक से समर्थन मांगने के सवाल पर स्टालिन ने कहा कि इन सभी बातों पर फैसला चुनाव के दौरान ही किया जा सकता है।
बता दें कि रजनीकांत ने पिछले साल 31 दिसंबर को अपनी राजनीतिक पारी का आगाज करने की घोषणा करते हुए राजनीति में ईमानदारी एवं सुशासन की हिमायत करते हुए आध्यात्मिक राजनीति करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि सबकुछ बदलने की आवश्यकता है और साथ ही किसी भी तरह के जातीय या धार्मिक रंग के बिना पारर्दिशता के साथ ‘‘आध्यात्मिक राजनीतिक’’ की शुरुआत किए जाने की घोषणा की थी।