कोरोना काल में जहां भाजपा के छोटे-बड़े दिग्गजों का ध्यान लखनऊ में चल रही उठापटक में लगा हुआ है, वहीं एक विधायक ऐसे भी हैं जो बीमारी से जूझ रहे मरीजों और उनके परिवारों की मदद में जुटे हैं।
यह विधायक हैं राजेश कुमार मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल। पप्पू भरतौल बरेली की बिथरी चैनपुर विधानसभा से विधायक हैं। कोरोना की पहली लहर के बाद दूसरी लहर में भी वह बिना किसी भेदभाव के लोगों की मदद में जुटे हैं।
विधायक इन दिनों कोरोना की आपदा को अवसर बनाने में जुटे अस्पतालों के भारी भरकम बिल के बोझ से लोगों से बचा रहे हैं। ताजा मामला बरेली के सिरसा गांव के नरेन्द्र पाल का है।
नरेन्द्र पाल की पत्नी कमलेश नौ मई को सिविल लाइंस इलाके के एक नामी अस्पताल में भर्ती हुई थी। इलाज के लिए पैसे कम पड़े तो नरेन्द्र को खेत बेचना पड़ा। लंबे इंतजार के बाद उनकी पत्नी ठीक हो गई। इस दौरान उन्होंने 2.40 लाख रुपये अस्पताल में जमा किए और करीब 1.50 लाख रुपये की दवाएं खरीदी।
अस्पताल से छुट्टी के वक्त बिल देखकर सहमा गरीब
कमलेश की अस्पताल के छुट्टी के वक्त प्रबंधन ने नरेन्द्र को फिर से 2.10 लाख रुपये का बिल थमा दिया। बिल देखकर वह सहम गया। जमीन बेचकर आए सारे पैसे इलाज में खर्च हो चुके थे। उसने यह बात डॉक्टर और स्टाफ को बताई। मगर उससे किसी भी तरह पैसों का इंतजाम करने को कहा गया।
विधायक को आपबीती सुनाते-सुनाते रो पड़ा नरेन्द्र
हर तरफ से निराशा हाथ लगी तो विधायक अपनी पीड़ा लेकर बिथरी चैनपुर विधायक पप्पू भरतौल के पास पहुंचा। नरेन्द्र की पूरी बात सुनने के बाद विधायक ने इस बारे में डॉक्टर से बात की। उन्होंने भारी भरकम बिल पर आपत्ति जताई। डॉक्टर ने इधर उधर की बात समझाने की कोशिश की तो विधायक ने कहा कि अगर मरीज की बात नहीं सुनी गई तो वह खुद अस्पताल पहुंच जाएंगे।
अस्पताल ने वापस किए पैसे, मरीज से कहा-गलती हो गई
विधायक के फोन के बाद अस्पताल ने नरेन्द्र को बिल से ज्यादा वसूले गए पैसे वापस किए। इससे नरेन्द्र की जान में जान आई। नरेन्द्र से पहले भाजपा विधायक ने राजस्थान से बरेली इलाज करान आए एक परिवार का बिल कम कराया था। तब भी अस्पताल ने अपनी गलती मानते हुए बिल कम कर दिया था।