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होली के त्योहार को देखते हुए सक्रिय हुआ दूध-खोए का मिलावटी गैंग!

होली के त्योहार को देखते हुए सक्रिय हुआ दूध-खोए का मिलावटी गैंग!

लखनऊ: होली का त्योहार पास में है। इस दौरान दूध और खोए की मांग भी बढ़ जाती है। लेकिन मांग और पूर्ति के बीच उत्पादन तो बढ़ता नहीं, लेकिन फिर भी सभी को दूध और खोया मिल जाता है। अब जरा सोचिये कि यह सब होता कैसे है?

जी हां आप सही हैं, बाजार में मिलावटी गैंग इस आपूर्ति को बनाये रखता है। ऐसे में दूध और खोए को खरीदते समय सावधानी बेहद जरूरी है, क्योंकि भाई ये सेहत का मामला है। दूध में पानी, स्टार्च पाउडर, यूरिया, शैम्पू और डिटरजेंट मिलाया जाता है। आज हम आपको कुछ जानकारी देंगे, जिससे आप जान सकें कि किस तरह हम मिलावटी दूध और खोए को पहचान सकते हैं?

पानी- इसे दूध में सबसे आसानी से मिलाया जा सकता है। हर जगह उपलब्ध होने के कारण इसके लिए ज्यादा झंझट भी नहीं होता है। कोलाइडी शैल्यूशन के जरिये इसे पहचाना जा सकता है। एक इससे भी सरल तरीका है, दूध को चिकनी सतह पर रखकर उसे फैलाया जाता है यदि दूध में पानी होगा तो दूध तेजी से फैलता है। इसे नाखून में एक ड्रॉप लेकर भी पहचाना जा सकता है। दूध में पानी की मिलावट होने पर यह तेजी से फैलेगा।

स्टार्च पाउडर- यह एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है, जिसे नॉन शुगर के नाम से भी जाना जाता है। दूध से क्रीम निकलने के बाद उसके मीठेपन में कमी के साथ ही गाढ़ापन भी कम हो जाता है। ऐसे में दोनों को संतुलित करने के लिए दूध में स्टार्च पाउडर मिलाया जाता है। यह नुकसानदेह तो नहीं है लेकिन फिर भी दूध में मिलावट का बड़ा कारक है। इसे सामान्यतया नहीं पकड़ा जा सकता है। लैब परीक्षण के बाद ही इसके बारे में कहा जा सकता है।

यूरिया- इस घातक रसायन को भी दूध में मिलाया जाता है, जिससे दूध की सफेदी को तीव्र की जा सके। यदि किसी दूध में यूरिया की मिलावट की गयी है तो उसे सामान्यतया नहीं पकड़ा जा सकता है। इसके लिए लिटमस पेपर टेस्ट किया जाता है, लेकिन सभी लोग इसका परीक्षण नहीं कर पाते हैं। ऐसे में यूरिया के कारण लोगों को बड़ी गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना रहता है।

शैम्पू-डिटरजेंट- चंद पैसों के लालच में कोई यह भी नहीं सोचता कि वह दूध के नाम पर जहर बेच रहा है। दूध से क्रीम निकलने के बाद उसमें झाग समाप्त होने लगता है तो ऐसे में उसे विशुद्ध दिखाने के लिए शैम्पू और डिटरजेंट मिलाते हैं। इससे दूध में खूब झाग बनने लगता है और दूध प्राकृतिक के सरीखे दिखने लगता है। इसकी पहचान करने के लिए आधा गिलास दूध लेकर उसे फेंटे यदि उसमें शैम्पू-डिटरजेंट मिला होगा तो तेजी से झाग बनेगा और अप्रत्याशित रूप से वह भर जाएगा।

खोया- इसमें आलू, शकरकंद मिलाया जाता है। दोनों ही चीजे खाने वाली हैं, ऐसे में मिलावटखोर ज्यादातर इन्हें ही मिलाते हैं। इन दोनों की पहचान करने के लिए खोए में टिंचर ऑफ आयोडीन मिलाकर देखें। यदि मिलावट होगी तो खोए का रंग बदल जाएगा।

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