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शानदार जीत के बाद सामनें आए अखिलेश-मायावती को बोला थैंक यू

शानदार जीत के बाद सामनें आए अखिलेश-मायावती को बोला थैंक यू

नई दिल्ली। यूपी चुनाव के नतीजें घोषित हो गए जिसमें बीजेपी को करारी हार का मुंह देखना पड़ा और बीजेपी की हार के साथ ही गठबंधन ने यूपी उपचुनाव की तस्वीर बदल डाली। यूपी उपचुनाव में बसपा और समाजवादी समर्थन ने शानदार जीत दर्ज की । यूपी की जनता नें साबित कर दिया कि उन्हें मोदी और योगी से ज्यादा बुआ भजीतें पर भरोसा हैं यूपी में शानदार जीत के बाद अखिलेश यादव मीडिया से मुखातिब हुए  यूपी उपचुनाव में बसपा के समर्थन से शानदार प्रदर्शन करने वाली समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मायावती को शुक्रिया कहा है. अखिलेश ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती देश के लिए अहम लड़ाई में उनके साथ आई है। अखिलेश ने इसके साथ ही यूपी में बीजेपी की सरकार और सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी हमला बोला।

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मीडिया से मुखातिब होने से पहले अखिलेश ने लखनऊ में पार्टी दफ्तर पर विधायकों की बड़ी बैठक बुलाई। और बैठक के साथ ही राज्यसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा की। आपको बता दें कि फूलपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की है, जबकि गोरखपुर में बड़ी लीड़ हासिल करने में वो कामयाब रहे

मायावती की ओर से उपचुनावों में विपक्ष के सबसे मजबूत उम्मीदवार का समर्थन किया था उन्होंने ‘एक हाथ ले और एक हाथ दे’ के फॉर्मूले की बात की थी. बसपा सुप्रीमो ने कहा था कि बसपा उपचुनाव में सबसे सक्षम प्रत्याशी का समर्थन करेगी, क्योंकि पार्टी का उम्मीदवार मैदान में नहीं है. इसके बदले में सपा सहित पूरे विपक्ष को राज्यसभा चुनाव में बसपा का समर्थन करना होगा। बदले में बसपा मध्य प्रदेश में कांग्रेस का समर्थन करेगी।

इसके बाद बसपा कार्यकर्ताओं ने गोरखपुर और फूलपुर में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के लिए वोट मांगे और इसी का परिणाम है कि सपा उम्मीदवारों ने बीजेपी को पछाड़ दिया है और बीजेपी का कमल नहीं खिल पाया।

मायावती के फॉर्मूले को देखते हुए समाजवादी पार्टी के लिए अब राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी को जीत दिलवाना महत्वपूर्ण हो गया है. उपचुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के आगे बीजेपी धूल धूसरित हो गई है. अखिलेश लंबे समय से यूपी में गठबंधन की बात करते रहे हैं. उपचुनाव के परिणामों को देखते हुए कहा जा सकता है कि वे इसे आगे बढ़ाना चाहेंगे और इसी की खातिर विधायकों की बैठक में रणनीति बनेगी।

दिलचस्प हो गया है यूपी में राज्यसभा चुनाव

उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए बीएसपी के इकलौते उम्मदीवार भीमराव अंबेडकर को जिताने के लिए जहां विपक्ष एकजुट हुआ है, तो वहीं बीजेपी ने 9वें उम्मीदवार के तौर पर अनिल अग्रवाल को उतारकर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है। ऐसे में सूबे में एक सीट के लिए चुनाव होना अनिवार्य हो गया है।

बीजेपी ने 9वें उम्मीदवार के तौर पर गाजियाबाद के शैक्षणिक व्यवसायी अनिल अग्रवाल को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि पार्टी के पास 8 उम्मीदवार जिताने के बाद 28 वोट अतिरिक्त हो रहे हैं. ऐसे में निर्दलीय विधायकों के साथ मिलाकर हमारे 9वें उम्मीदवार की जीत तय है।

बता दें कि राज्यसभा चुनाव के बहाने प्रदेश में विपक्ष एकजुट हुआ है. बसपा अकेले अपने 19 विधायकों के दम पर राज्यसभा चुनाव नहीं जीत सकती. ऐसे में सपा, कांग्रेस और रालोद ने उसे समर्थन का ऐलान कर दिया है. इसके बाद बसपा प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर के राज्यसभा पहुंचने की राह में बीजेपी के 9वें उम्मीदवार ने रोड़ा अटका दिया है।

 यूपी विधानसभा में सदस्यों की संख्या 403 है, जिनमें 402 विधायक 10 राज्यसभा सीटों के लिए वोट करेंगे. राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए एक सदस्य को 37 विधायकों का समर्थन चाहिए. इस आंकड़े के मुताबिक बीजेपी गठबंधन के खाते में 8 और 47 विधायकों वाली सपा के खाते में एक सीट तय है.

10वीं और आखिरी सीट के लिए सपा के 10 अतिरिक्त वोट, बीएसपी के 19, कांग्रेस के 7 और 3 अन्य के साथ मिलकर एक उम्मीदवार को जिता सकते हैं. बीजेपी ने अभी तक 8 उम्मीदवारों का ऐलान किया है, जिनकी जीत पक्की है. जबकि विपक्ष की ओर से सपा ने जया बच्चन को उम्मीदवार बनाया है, उनकी भी जीत तय है।

बीजेपी ने अनिल अग्रवाल को उतारकर बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर के सामने दिक्कत खड़ी कर दी है. सपा, कांग्रेस और आरएलडी के समर्थन के बाद अब उनकी भी जीत तय मानी जा रही थी. लेकिन अब चुनाव होने है. माना जा रहा है कि बीजेपी अपने 9वें उम्मीदवार के लिए निर्दलीय विधायकों को साथ लाकर विपक्ष की एकजुटता को फेल करने रणनीति बनाई है।

राज्यसभा चुनाव के लिए फॉर्मूला 

राज्यसभा चुनाव के लिए एक तय फॉर्मूला है, खाली सीटों में एक जोड़ से विधानसभा की कुल सदस्य संख्या से भाग देना।  निष्कर्ष में भी एक जोड़ने पर जो संख्या आती है। उतने ही वोट एक सदस्य को राज्यसभा चुनाव जीतने के जरूरी होता है। अगर यूपी का उदाहरण लिया जाए तो 10 सीटों में 1 जोड़ा जाए तो योग हुआ 11. अब 403 को 11 से भाग देते हैं तो आता है 36.63. इसमें 1 जोड़ा जाए तो योग होता है 37.63. यानी यूपी राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए एक सदस्य को 38 विधायकों का समर्थन चाहिए। हालांकि चूंकि एक विधायक का निधन हो चुका है इसलिए यहां 37 विधायकों के समर्थन से ही राज्यसभा उम्मीदवार की जीत तय हो जाएगी।

यूपी में बीजेपी की करारी हार के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से भी एक बयान सामनें आया हैं जिसमें वो हार पर मंथन करने की बात कर रहे हैं अब देखना य़ें होगा कि हार की मंथन का 2019 के लोकसभा चुनाव पर कितना असर होता हैं

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