एमजे अकबर ने अपने ऊपर लग रहे यौन शोषण के आरोपों के विरुद्ध कोर्ट में पत्रकार प्रिया रहमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया है। लेकिन अकबर को इस बात का भी जवाब देना होगा कि उन्होंने सिर्फ प्रिया रमानी के खिलाफ ही क्यों आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया है।जबकि अकबर पर आरोप लगाने वाली महिलाओं की संख्या करीब आधा दर्जन है।
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मी टू कैंपेन के खुलासे के अनुसार कई महिला पत्रकारों द्वारा केन्द्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। लेकिन अकबर ने केवल पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। बता दें कि एमजे अकबर ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस फाइल कराया है।
आपको बता दें कि आईपीसी (भारतीय दंड सहिता) की उक्त धाराओं के तहत दोषी पाये जाने पर दो साल की सजा का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्री ने लॉ फर्म करंजावाला एंड कंपनी के द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी पर केस फाइल कराया है। रोचक बात यह है कि खुद वकील करंजावाला के खिलाफ भी एक महिला वकील ने यौन शोषण का आरोप लया था।
रविवार को केन्द्रीय विदेश राज्यमंत्री ने विदेश दौरे से लौटने के बाद उन पर लगे यौन शोषण के आरोपों को आधार हीन और झूठ ठहरा था। एमजे अकबर ने रविवार को ही कहा था कि वे ऐसा आरोप लगाने वाली पत्रकारों के खिलाफ कोर्ट जाएंगे।मंत्री ने प्रिया रमानी के खिलाफ झूठे आरोप लगा कर बदनाम करने का षणयंत्र रचने का मुकदमा दर्ज कराया है।