हमारी ज़िंदगी में खाने का बहुत बड़ा महत्व है । खाना स्वाद बने इसके लिए कई नए नए तरीके अपनाता है ।
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खाना बनाते समय सबसे ज़रूरी होता है तेल का। किसी भी डिश को बनाने से पहले तेल डाला जाता है। कई लोग घी, सरसों के तेल का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सभी तरह के तेल सेहत के लिए अच्छे नहीं होते। इसलिए तेल चुनते वक्त आपको सतर्क रहना चाहिए। ऐसे तेल का चयन करना चाहिए, जो अनसैचुरेटेड फैट्स से भरपूर हो।
तो आइए जानें ऐसे तेलों के बारे में जो सेहत को फायदे से ज़्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।
मक्के का तेल
सबसे पहले मकई का तेल आता है। इस तेल के स्वास्थ्य लाभ कई हैं, लेकिन इसके दुष्प्रभाव इसके लाभों को कम कर देते हैं। डाइट में अधिक मकई का तेल खाने से विषाक्तता, कैंसर का बढ़ा जोखिम, हृदय रोग का एक उच्च जोखिम, पेट में जलन और वज़न बढ़ने सहित नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
सोयाबीन का तेल
सोयाबीन के पौधे के बीज से इसका तेल निकाला जाता है और इसका उपयोग उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए किया जाता है। यूसी रिवरसाइड के शोध के अनुसार सोयाबीन का तेल मोटापे और मधुमेह की संभावना को बढ़ा सकता है, और चिंता, अवसाद और अल्जाइमर जैसी न्यूरोलॉजिकल स्थितियों को प्रभावित कर सकता है।
सनफ्लावर ऑयल
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि उच्च ओलिक सूरजमुखी तेल हृदय स्वास्थ्य के लिए कुछ लाभ प्रदान करता है, लेकिन अधिकांश अध्ययनों से पता चला है कि यह उच्च तापमान पर गर्म होने पर ज़हरीले यौगिकों को छोड़ता है। कुछ सनफ्लावर ऑयल्स में ओमेगा-6 की मात्रा काफी ज़्यादा होती है, जो सूजन का कारण बनती है। सनफ्लावर ऑयल उस वक्त इस्तेमाल करना सही है, जब आप खाना लो हीट पर पका रहे हों।
कैनोला ऑयल
कैनोला तेल एक बीज का तेल है जो आमतौर पर खाना पकाने और फूड प्रोसेसिंग के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन इसे सबसे अच्छा विकल्प नहीं माना जाता है। कई शोध में यह देखा गया है कि कैनोला तेल को डाइट में शामिल करने से शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है।
राइस ब्रैन ऑयल
ज़्यादातर लोगों के लिए राइस ब्रैन ऑयल सुरक्षित होता है, अगर इसे कम मात्रा में खाया जा रहा है। हालांकि, इस तेल का अत्यधिक उपयोग फाइबर की बढ़ी हुई मात्रा के कारण आंत्र में गड़बड़ी, गैस और पेट दर्द का कारण बन सकता है। इसलिए जिन लोगों को अल्सर, आसंजन, पाचन तंत्र की बीमारियां और अन्य आंतों के विकार जैसी पाचन संबंधी दिक्कतें हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे राइस ब्रैन ऑयल न खाएं, क्योंकि तेल में फाइबर पाचन तंत्र को रोक सकता है। साथ ही प्रेग्नेंसी और स्तनपान के दौरान भी इस तेल के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि यह बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।