गुरु पूर्णिमा आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है.। .इस वार 5 जुलाई यानिकी आज गुरु पूर्णिमा मनाया जा रहा है साथ ही मे चंद्र ग्रहण भी आज सुबह 8 बज के 37 मिनट से शुरू हुआ था ।यह हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन शिष्य अपने गुरु की पूजा अर्चना करते है तथा आभार व्यक्त करते हैं। कहा ये भी जाता है कि पहली बार इसी दिन आदियोगी भगवान शिव ने सप्तऋषियों को योग का ज्ञान देकर स्वयं को आदि गुरु के रूप में स्थापित किये थे ।ऐसी भी मान्यता है कि इसी दिन महर्षि वेद व्यास जी का जन्म भी हुआ था। महर्षि व्यास ने चारों वेदों और महाभारत की रचना की थी। इसी लिए महर्षि व्यास का नाम वेद व्यास पड़ा। उन्हें आदिगुरु कहा जाता है। महर्षि व्यास के सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है.
गुरु पूर्णिमा के साथ ही चंद्रग्रहण भी था हालाकि यह चंद्रग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण था ।उपछाया चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चांद के बीच तो आती है लेकिन ये तीनों एक सीधी रेखा में नहीं होते हैं.। यह चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार 9 बजकर 59 मिनट पर अपने चरम पर था तथा 11 बजकर 22 मिनट पर ख़त्म हो गया । इस ग्रहण की अवधि 2 घंटे 43 मिनट की थी।
गुरु पूर्णिमा को हिंदू धर्म में गुरु को भगवान से ऊंचा स्थान दिया गया है.।इस लिए इस दिन गुरु पूजा की परंपरा है। इस दिन शिष्य अपने गुरु की तस्वीर लगाकर विधि विधान से पूजा करते है. तथा उन्हें आभार व्यक्त करते हैं। शिष्य यथा संभव दान भी देते हैं।