लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर ने जिस तरह से प्रदेश में कहर बरपाया था उससे हर कोई अभी तक सहमा हुआ है। हर दिन 30-30 हजार लोग प्रतिदिन संक्रमण का शिकार हो रहे थे। विशेषज्ञों ने आशंका जताई थी कि उत्तर प्रदेश में मई के महीने में में एक दिन यह आंकड़ा एक लाख के पार जा सकता है।
उत्तर प्रदेश के हालात इतने बुरे थे कि शवों को जलाने के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रही थीं। श्मशान घाटों पर लोग अपनों का अंतिम संस्कार करने के लिए 24-24 घंटे की वेटिंग में लगे हुए थे। इतना ही नहीं गंगा में भी शवों को बहाने की नौबत आ गई थी। जिसके बाद यूपी के हालातों को देखकर पूरा देश सहम गया था। लेकिन, लोगों की सजगता, सरकार के प्रबंधन में कोरोना पर एक हद तक लगाम लगाने में काफी सफलता हासिल कर ली है।
यूपी में 87 फीसदी की गिरावट
कोरोना महामारी से प्रदेश को सुरक्षित रखने की दिशा में लगातार किए जा रहे प्रयासों के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। देश में सबसे ज्यादा कोविड टेस्ट करने वाले उत्तर प्रदेश में 30 अप्रैल के 03 लाख 10 हजार 783 मरीजों की पीक की स्थिति के सापेक्ष एक माह में 87 फीसदी की गिरावट हो गई है। वर्तमान में 41,214 कोरोना केस एक्टिव हैं। हमारी रिकवरी दर 96.4% हो गई है।
विशेषज्ञों के दावे फेल
जिस प्रदेश के बारे में विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त की थी कि यहां मई में हर दिन एक लाख नए कोरोना मरीज सामने आएंगे, वहां बीते 24 घंटो में 1,908 मरीज पाए गए हैं। दैनिक मरीजों की यह संख्या 24 अप्रैल को आये 38,055 मरीजों की पीक स्थिति के सापेक्ष महज 05 फीसदी है। बीते 24 घंटों में 6,713 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। इस तरह अब तक कुल 16 लाख 28 हजार प्रदेशवासी कोरोना से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।