featured देश

सरकार को जनता को ऐसे सपने दिखाने चाहिए जो पूरे किए जा सके: नितिन गडकरी

nitin gatkari सरकार को जनता को ऐसे सपने दिखाने चाहिए जो पूरे किए जा सके: नितिन गडकरी

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा चुनाव से पहले ऐसा बयान दिया है जिससे कि मोदी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है। एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने चुनाव में किए गए वादों का जिक्र करते हुए कहा कि वही सपने दिखाने चाहिए जिन्हें कि पूरा किया जा सके वरना जनता सपने पूरा न होने पर नेताओं की पिटाई करती है। बयान देते हुए गडकरी ने किसी नेता या पार्टी का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका यह बयान मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष का हथियार बखूबी बन सकता है। गडकरी के बयान के बाद कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि गडकरी जी हम समझ गए हैं कि आपका निशाना किधर है। उन्होंने गडकरी के बहाने भाजपा को घेरने की कोशिश की।

nitin gatkari सरकार को जनता को ऐसे सपने दिखाने चाहिए जो पूरे किए जा सके: नितिन गडकरी

 

बता दें कि कांग्रेस के अलावा एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने भी गडकरी के बायन पर ट्वीट कर कहा कि वह काफी चतुराई से पीएम मोदी को आईना दिखाने का काम कर रहे हैं। वहीं गडकरी के बयान को लेकर पार्टी बचाव की मुद्रा में आ गई है। पार्टी का कहना है कि गडकरी ने वादा न पूरा करने की बात विपक्ष के संदर्भ में कही है। आज हम आपको गडकरी के उन बयानों के बारे में बताते हैं जिसने उनकी पार्टी को असहज करने का काम किया है।

वहीं गडकरी ने बीते हफ्ते एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के भाषण की खुलकर तारीफ की थी। इससे पहले वह इंदिरा गांधी की भी तारीफ कर चुके हैं। अपने एक बयान में नितिन गडकरी ने कहा था कि हमें विश्वास था कि हम सत्ता में नहीं आएंगे। इसी वजह से चुनाव मे बड़े-बड़े वादे किए जिससे यदि हम सत्ता में नहीं आएं तो हम जिम्मेदार नहीं ठहराए जाएंगे। हालांकि विवाद बढ़ने पर गडकरी ने सफाई देते हुए कहा था कि इसका गलत मतलब निकालने वालों को मराठी भाषा समझ में नहीं आती है।

साथ ही मोदी सरकार को विपक्ष लगातार बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरती रही है। गडकरी ने इसे लेकर भी बयान दिया था। कुछ समय पहले मराठा आरक्षण को लेकर उन्होंने कहा था कि आरक्षण देने का क्या फायदा जब नौकरियां ही नहीं हैं। नौकरियां कम हो रही हैं। यदि आरक्षण दे भी दिया तो नौकरी कैसे देंगे। सरकारी भर्तियां रुकी हुई हैं, नौकरियां कहां है। नेताओं की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने को लेकर भी गडकरी बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी के विधायक या सांसद अच्छा काम नहीं करता हो तो उसकी जिम्मेदारी पार्टी के मुखिया की होती है। सफलता के दावेदार कई होते हैं लेकिन विफलता में कोई साथ नहीं देता है।

वहीं एक टीवी कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने कहा था, ‘हमारे पास इतने नेता हैं और हमें उनके सामने (टीवी पत्रकारों) बोलना पसंद है, इसलिए हमें उन्हें कुछ काम देना है। उन्होंने एक फिल्म के सीन का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोगों के मुंह में कपड़ा डाल कर उनका मुंह बंद करने की जरूरत है।’ नितिन गडकरी बेशक अपने बयानों को विपक्षी दलों का दुष्प्रचार बता चुके हैं लेकिन यह बात भी सच है कि विपक्ष इसे भाजपा सरकार के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने से परहेज नहीं कर रही है। हालांकि पिछले दिनों उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि उनके बयानों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। इससे मुझे और मेरी पार्टी को निशाना बनाया जा रहा है।

Related posts

RBI कैश संकट से निपटने के लिए सिस्टम में 8,000 करोड़ रुपये डालेगा

mahesh yadav

अटार्नी जनरल हुए पन्नीरसेल्वम के केस से दूर

Rani Naqvi

आखिर क्यों गिराया जा रहा है देश के लिए शहीद हुए निरंजन कुमार का घर

bharatkhabar