नई दिल्ली। सैनिक देश के लिए अपनी जान को दंव पर लगा देता है, लेकिन उसके जाने के बाद उसका मुआवजा उसके परवार को भुगतना पड़ता है। इसकी बानगी देखने को मिल रही है बैंगलोर में जहां पठानकोट हमले में शहीद में हुए एनएसजी कमांडो निरंजन कुमार का घर तोड़ा जा रहा है। बरुत बैंगलोर महानगर पालिका ने जो अतिक्रमणों की सूची बनाई है, उसमें निरंजन कुमार के घर का भी नाम शुमार है। बैंगलोर में पिछले महीने बारिश से ऐसा जलजमाव हो गया था कि सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया था, लिहाजा बेंगलुरु सरकार ने नालों के लिए ये डिमॉलिशन ड्राइव शुरू की है।
निरंजन कुमार के भाई शशांक का कहना है कि इस बात पर यकीन करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि हमने अपने भाई को पठानकोट आतंकी हमले में खो दिया था… मैं अनुरोध करता हूं, यह डिमॉलिशन रोक दिया जाए… निरंजन ने देश के लिए जान दी, और अब अगर ऐसा होता है, तो यह शर्म की बात है…
परिजनों का कहना है कि उन्होंने अपना सबकुछ लगाकर यह मकान बनाया था। ऐसे में जब इसे गिराया जा रहा है तो परिवार के लोग कहां ठिकाना खोजेंगे। उनका कहना है कि निकाय की ओर से उन्हें कोई समय भी नहीं दिया गया है।
वहीं मामले पर अधिकारियों का कहना है कि शहर में पिछले महीने बारिश से इस तरह पानी जमा हो गया था कि सड़कों पर लोग मछलियां पकड़ने लगे थे। शहर में नालों की भारी कमी है और इसी काम को दुरुस्त करने के लिए यह कार्य किया जा रहा है।