लखनऊ। देश पहले से ही कोरोना महामारी से प्रभावित है। इसी बीच नए साल के साथ-साथ बर्ड फ्लू ने भी दस्तक दे दी है। देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत हो रही है। धीरे-धीरे बर्ड फ्लू सभी राज्यों में फैलने की कगार पर है। यूपी में बर्ड फ्लू दस्तक दे चुका है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश को कंट्रोल्ड एरिया घोषित कर दिया है। इसी के साथ राज्य में जीवित पक्षियों के आयात पर रोक लगा दी गई है। यूपी में बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है। सरकार ने बर्ड फ्लू के मामलों की निगरानी के लिए एक नियंत्रण कक्ष बनाया है जो चौबीसों घंटे काम कर रहा है।
यूपी में नहीं होगा जीवित पक्षियों का आयात-
बता दें कि यूपी की सीमा से सटे राज्यों हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद प्रदेश को नियंत्रित क्षेत्र घोषित किया गया है। अब बर्ड फ्लू के संक्रमण को देखते हुए राज्य की सीमा में किसी भी तरह के जीवित पक्षी को नहीं लाया जा सकेगा। इस बीच अगर कोई व्यवसायी या परिंदों का शौकीन व्यक्ति यूपी में कोई भी पक्षी लेकर आता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जलाशयों में निगरानी भी तेज कर दी गई है, जहां प्रवासी पक्षी बहुतायत में आते हैं। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर और बलिया जिलों में विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की ताजा घटनाएं सामने आई हैं। कानपुर चिड़ियाघर में मरे कुछ पक्षियों में बर्ड फ्लू पाए जाने के बाद लखनऊ प्राणी उद्यान प्रशासन ने अपने यहां पक्षियों के बाड़े को दर्शकों के लिए बंद कर दिया है और पक्षियों के आदान-प्रदान कार्यक्रम को भी अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया है।
सीएआरआई में अभेद्य जैविक सुरक्षा का कवच तैयार किया गया-
वहीं बरेली में ही स्थित केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) के निदेशक डॉक्टर संजीव कुमार ने बताया कि कानपुर में बर्ड फ्लू का मामला सामने आने से सीएआरआई प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। पक्षियों की आवाजाही के लिहाज से कानपुर काफी नजदीक है, इसलिए सीएआरआई में अभेद्य जैविक सुरक्षा का कवच तैयार किया गया है।