नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र से पहले संसद को दोनों सदनों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने किसानों को लेकर अपनी सरकार की योजनाओं का बखान किया। हालांकि उन्हें किसानों की याद काफी देर में आई, लेकिन किसानों के प्रति सरकार की कृतसंक्लपता को राष्ट्रपति ने जगजाहिर कर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार की नीतीयों और किसानों की कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि देश में 275 मिलियन टन से ज्यादा खाद्यान्न और लगभग 300 मिलियन टन फलों और सब्जियों का रिकोर्ड उत्पादन हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी पैदावार की उचित कीमत मिलनी चाहिए, जिसके लिए देश की कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ने का कार्य जारी है। राष्ट्रपति के मुताबिक ई-नाम पर अबतक 36,000 करोड़ रुपये से अधिक की कृषि वस्तुओं का व्यापार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि दशकों से लंबित 99 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का काम चल रहा है और सरकार द्वारा दालों को लेकर बनाई गई नीति के कारण पिछले साल की तुलना में इस साल दाल के उत्पादन में 30 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, जो कि अपने आप में एक रिकोर्ड है।
राष्ट्रपति ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए डेयरी सेक्टर में 11,000 करोड़ रुपये की डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि के द्वारा एक महत्वकांक्षी योजना की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार की नीतियों के कारण जहां एक तरफ यूरिया का उत्पादन बढ़ा है, तो वहीं 100 फीसदी नीम कोटिंग के बाद यूरिया की कालाबाजारी भी रुकी है। गोरखपुर, बरौनी, सिंदरी, तालचेर और रामागुंडम में उर्वरक कारखानों को फिर से शुरू करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर कहा कि इस योजना के अनतर्ग किसानों को सस्ती और सरल बीमा सेवा उपलब्ध कराई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि साल 2017 के दौरान रबी और खरीफ की फसलों के लिए पांच करोड़ 71 लाख किसानों को इस योजना के तहत सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार ने गरीबों को एक रुपये प्रति महीना और 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर बीमा योजनाएं सुलभ कराई हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना से अब तक 18 करोड़ किसान जुड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत अब तक लगभग 10 करोड़ ऋण स्वीकृत किए गए हैं और 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज दिया गया है। लगभग 3 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार इस योजना का लाभ उठाया है और स्वरोजगार शुरू करने में सफल हुए हैं।