नई दिल्ली। आधार कार्ड भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को जारी किया जाने वाला पहचान पत्र इसमें 12 अंकों की एक विरिष्ठ संख्या छपी होती है। जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण जारी करता है। यह संख्या, भारत में कहीं भी, व्यक्ति की पहचान और पते का प्रमाण होगा। भारतीय डाक द्वारा प्राप्त और यू.आई.डी.ए.आई. की वेबसाइट से डाउनलोड किया गया ई-आधार दोनों ही समान रूप से मान्य हैं। कोई भी व्यक्ति आधार के लिए नामांकन करवा सकता है बशर्ते वह भारत का निवासी हो और यू.आई.डी.ए.आई. द्वारा निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करता हो, चाहे उसकी उम्र और लिंग (जेण्डर) कुछ भी हो। प्रत्येक व्यक्ति केवल एक बार नामांकन करवा सकता है। नामांकन निशुल्क है। आधार कार्ड एक पहचान पत्र मात्र है तथा यह नागरिकता का प्रमाणपत्र नहीं है। UIDAI का अध्यक्ष नंदन निलेकणि को बनाया गया है। UIDAI का लक्ष्य आगामी चार बर्षो में 60करोङ लोगो का `आधार नंबर 331501465813 ` जारी करने का है।
बता दें कि भारत में आधार कार्ड को इतना ज्यादा आधार मिला कि सरकार ने हर चीज को आधार कार्ड से लिंक कराने को कह दिया। यहां तक की फोन नंबर भी आधार से लिंक कराने पड़े। आधार कार्ड की अहमियत इतनी बढ़ गई कि इसे बैंक अकाउंट से लेकर हवाई यात्रा करने तक आधार की जरूरत पड़ने लगी है। सरकार ने पैन कार्ड को भी आधार से लिंक कराने के निर्देश दिए और उसे लिंक कराने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर कर दी। सरकार ने बैंक उकाउंट से भी आधार को जोड़ना अनिवार्य कर दिया। सभी खाताधारकों के आधार को वैरिफाई करें।
वहीं सरकार ने अपने फोन नंबर को भी आधार से लिंक कराने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी फोन नंबर को आधार लिंक कराना अनिवार्य कर दिया। यहां तक कि सरकारी योजनाओं के लिए भी आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया। साथ ही पीएफ द्वारा किए गए दावों को जल्द निपटाने के लिए भी किया जा रहा है। म्युचुअल फंड निवेश के लिए भी आधार को अनिवार्य कर दिया गया। वहीं पेंशन अकाउंट में भी आधार कार्ड जरूरी कर दिया गया। डेथ सार्टिफिकेट और ड्राइविंग लाइसेंस साथ ही नए वाहन खरीदकर रजिस्ट्रेशन के लिए भी आधार कार्ड जरूरी कर दिया गया। जिसकी वजह से आधार कार्ड को आधार मिला।