नई दिल्ली। भारत के लिए कामयाबी का साल रहे 2017 में कश्मीर में आतंकवाद फैलाने वालों का पर्दाफाश पूरी दुनिया के सामने हो गया था। कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए पैसों की फंडिंग का पर्दाफाश भारत की जांच एजेंसी एनआईए ने किया था। 16 अगस्त 2017 को एनआईए द्वारा मारे गए छापे में जांच एजेंसी ने विदेश से फंडिंग आने और उन्हे स्थानीय स्तर पर वितरित करने की रसीदें बरामद की थी। इसके बाद आतंकी फंडिंग का सबसे बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ था। एजेंसी को इस दौरान पता चला था कि ये नेटवर्क कश्मीर के प्रसिद्ध व्यापारी जहूर वटाली के देश-विदेश में फैले व्यापारिक नेटवर्क के माध्यस से चल रहा था। एजेंसी ने 16 अगस्त कश्मीर में जिन 12 स्थानों की तलाशी ली थी वो सभी फल व्यापारी वटाली से जुड़ी हुई थी। बता दें कि आंतकी फंडिंग को लेकर एजेंसी हुर्रियत के सात नेताओं को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी।
दरअसल कश्मीर में आंतकी फंडिंग का शक एजेंसी को पहले से ही था, लेकिन एजेंसी का शक तब पक्का हो गया जब एक निजी चैनल ने स्टिंग करके हुर्रियत नेताओं का सच पूरे देश के आगे उजागर कर दिया। इसके बाद एजेंसी ने अपनी जांच शुरू की और फल व्यापारी वटाली को धर-दबोचा। बता दें कि चार जून को इस सिलसिले में वटाली के गुडग़ांव स्थित आफिस की तलाशी भी ली गई थी। इसके बाद पिछले ढाई महीने में उससे 25 से अधिक बार पूछताछ भी की गई, लेकिन वटाली आतंकी फंडिंग में अपनी भूमिका के बारे में कुछ नहीं बता रहा था। वटाली की आतंकी फंडिंग में अहम भूमिका की ठोस सूचना से लैस एनआइए ने उसके करीबी लोगों के ठिकाने की तलाशी लेने का फैसला किया।
इसके बाद जिन 12 स्थानों पर छापे मारे गए, उनमें तीन वटाली के करीबी रिश्तेदार और एक ड्राइवर का था। इसके अलावा वटाली के करीबी और पेशे से वकील शफी रेशी के घर भी तलाशी ली गई है। इसके साथ ही घाटी में प्लाइवुड की फैक्टरी चलाने वाले पीरजादा गुलाम नबी और उसके मुंशी गुलाम मोहम्मद भट के ठिकानों पर भी छापा मारा गया। सुबह से शुरू हुई छापे की कार्रवाई देर शाम तक जारी रही थी। छापा जारी होने के कारण एनआइए ने बरामद दस्तावेजों की विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन उसने आतंकी फंडिंग के जुड़े अहम सुबूत मिलने का दावा जरूर किया था।
एनआइए के अनुसार छापे में विदेशी स्नोत से मिलने वाली फंडिंग और उसके स्थानीय स्तर पर बांटे जाने से संबंधित रसीदें भी मिली हैं, जो आतंकी फंडिंग के आरोपों को साबित करने में अहम हो सकते हैं। इसके साथ ही एनआइए ने संदिग्ध वित्तीय लेन-देन से जुड़े दस्तावेज, पेन ड्राइव, हार्ड ड्राइव, मोबाइल फोन और प्रापर्टी के जुड़े दस्तावेज भी बरामद किये गए हैं एक वरिष्ठ अधिकारी ने उस दौरान कहा था कि इन दस्तावेजों का विश्लेषण करने के बाद ही साफ तौर पर कुछ कहा जा सकता है। जहूर वटाली घाटी के बड़ा व्यापारी है, जिसके दफ्तर श्रीनगर, गुडग़ांव, दिल्ली के साथ-साथ खाड़ी के कई देशों में भी हैं। वटाली घाटी के मुख्य धारा के राजनेताओं के साथ-साथ हुर्रियत के बड़े अलगाववादी नेताओं के साथ नजदीकी संबंधों के लिए जाना जाता था।