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देश में बन रहा पहला रेलवे केबल स्टे ब्रिज, 28 हजार करोड़ की लागत से होगा पूरा

24780b1f 6985 4bf9 8a2e d64e11f9c577 देश में बन रहा पहला रेलवे केबल स्टे ब्रिज, 28 हजार करोड़ की लागत से होगा पूरा

नई दिल्ली। देश की उन्नति और प्रगति के लिए सरकार द्वारा आए दिन नए-नए प्रोजेक्ट शुरू किए जाते हैं। इन प्रोजेक्ट को शुरू करने का मतलब देश को दूसरे देशों की तुलना में सबसे आगे दिखाना है। जिसके चलते अब देश में पहले केबल-स्टेन्ड इंडियन रेलवे ब्रिज अंजी खाद पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। जल्द ही यह पुल जम्मू-कश्मीर में कटरा और रियासी को जोड़ेगा। ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक 292 किमी लंबा है। यह अधिकतर पहाड़ों में ही बनेगा। इस रेलवे लिंक में 38 गुफाएं होंगी। इनमें से एक गुफा 11 किमी लंबी होगी। यहीं नहीं पूरे रेलवे लिंक में 30 स्टेशन होंगे।

इस ब्रिज को 96 केबल सपोर्टर के जरिए बनाया जा रहा-

बता दें कि यह जम्मू-कश्मीर में ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला (USBRL) रेल लिंक परियोजना के तहत बनाया जा रहा है। इसे सरकार के तहत कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (KRCL) द्वारा विकसित किया जा रहा है। 28 हजार करोड़ की लागत से बनने वाला यह प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा हो सकता है। 473.25 मीटर ऊंचे इस ब्रिज को 96 केबल सपोर्टर के जरिए बनाया जा रहा है। रेल मंत्रालय ने सोमवार को सोशल मीडिया पर अंजी ब्रिज की कुछ तस्वीरें पोस्ट की और पुल को इंजीनियरिंग का चमत्कार बताया। इसके  साथ ही रेल मंत्रालय ने कहा, ‘यह केबल पर टिका देश का पहला रेल ब्रिज है। इसके तैयार होने के बाद कटरा-रियासी सीधे तौर पर जुड़ जाएंगे। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस ब्रिज को फिनलैंड और जर्मनी की तकनीक से बनाया जा रहा है। इसकी उम्र 120 साल होगी।

कटरा-काजीगुंड पर इस परियोजना का सबसे कठिन खिंचाव-

उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना भारतीय उपमहाद्वीप में शुरू की गई सबसे कठिन नई रेलवे लाइन परियोजना है। यह इलाका हिमालय से होकर गुजरता है, जो उच्च ऊंचाई पर स्थित है। निष्पादन उद्देश्यों के लिए, पूरी परियोजना को तीन उप-वर्गों में विभाजित किया गया है। परियोजना के उधमुर-कटरा, कटरा-क़ाज़ीगुंड और क़ाज़ीगुंड-श्रीनगर-बारामूला खंडों पर निर्माण गतिविधियां जारी हैं। कटरा-काजीगुंड पर इस परियोजना का सबसे कठिन खिंचाव है। इसके  साथ ही रेलवे अधिकारी ने आगे बताया कि 260 किमी प्रति घंटा की रफ्तार का तूफान भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। उस क्षेत्र का भूविज्ञान अत्यंत जटिल है, जिससे  यहां एक आर्च ब्रिज का निर्माण असंभव है। इसके कारण, पुल में एक एकल तोरण (single pylon) है।

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