भरतपुर से अनिल चौधरी की रिपोर्ट
भरतपुर। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल, सदस्य विजेन्द्र सिंह एवं वंदना व्यास ने मंगलवार को सर्किट हाउस में बाल अधिकारों से सम्बन्धित मामलों की जनसुनवाई की तथा मथुरा गेट पुलिस थाने एवं जनाना अस्पताल का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। जनसुनवाई के दौरान एक नाबालिग बालिका ने अपनी माँ के साथ उपस्थित होकर शिकायत की कि परिजन उसका बाल विवाह कराना चाहते हैं जबकि वह आगे पढ़ना चाहती है। इस पर श्रीमती बेनीवाल ने परिजनों को बुलाकर बालिका का बाल विवाह न करने के लिए पाबन्द करते हुए समझाइश की तथा कहा कि बच्ची को पढ़ा लिखाकर उसका भविष्य संवारें। उन्होंने पुलिस तथा सम्बन्धित अधिकारियों को भी निर्देश दिये कि इस तरह के बाल विवाहों तथा बाल भिक्षावृत्ति पर सख्ती से रोक लगाई जाये। उन्होंने शादी-विवाह समारोहों में बाल श्रमिकों को नियोजित करने पर रोक लगाने के निर्देश जिला श्रम कल्याण अधिकारी को दिये।
पुलिस थाने जाकर महिला डेस्क एवं बाल डेस्क का निरीक्षण किया-
बता दें कि राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने मथुरा गेट पुलिस थाने जाकर महिला डेस्क एवं बाल डेस्क का निरीक्षण किया तथा रजिस्टर का अवलोकन कर नियमित रिकाॅर्ड संधारित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने जनाना अस्पताल में मदर्स मिल्क बैंक, एनआईसीयू तथा बच्चा वार्ड का निरीक्षण कर वहाॅ उपचाररत बच्चों एवं उनके परिजनों से बात कर व्यवस्थाओं के बारे में फीडबैक लिया तथा साफ-सफाई में सुधार लाने के निर्देश उपस्थित चिकित्सकों व स्टाफ को दिये। श्रीमती बेनीवाल ने सोमवार सायं किशोर गृह के औचक निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं पर नाराजगी प्रकट करते हुए बताया कि वहां बच्चों को समय पर भोजन-जलपान उपलब्ध कराने तथा नियमित काउन्सिलिंग सहित सभी व्यवस्थाएं निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये हैं। जनसुनवाई एवं निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर डाॅ राजेश गोयल, प्रशिक्षु आरपीएस पूनम, जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाराम पाराशर एवं सदस्य राजाराम, मदनमोहन शर्मा, अनुराधा शर्मा, नरेन्द्र सिंह, बबीता शर्मा तथा समाज कल्याण विभाग के उपनिदेशक प्रफुल्ल चैबीसा सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।