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फतेहपुर: धाता खनन क्षेत्र में कई राउंड हुई फायरिंग, पुलिस ने साधी चुप्पी

फतेहपुर: धाता खनन क्षेत्र में कई राउंड हुई फायरिंग, पुलिस ने साधी चुप्पी

फतेहरपुर: जिले में खनन क्षेत्रों का विवाद से पुराना नाता है। यहां कभी ताबड़तोड़ फायरिंग होती है तो कभी शव निकलते हैं। अधिकतर मामलों में खोज-खबर करने वाली पुलिस भी यहां के पचड़े में पड़ने की जरूरत नही समझती है।

यही कारण है कि यहां पर आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। ताजा मामला धाता थाना क्षेत्र का है। जहां खनन क्षेत्र में रविवार को देर रात दो पक्षों में जमकर फायरिंग हुई। घटना पर पुलिस पीआरओ, मीडिया सेल, सीओ खागा और इंस्पेक्टर से पुलिस का पक्ष लेने का प्रयास किया गया, लेकिन पुलिस की चुप्पी कहीं न कहीं मामले को दबाने का प्रयास कर रही है।

20 मिनट चला विवाद

थानाक्षेत्र के रानीपुर-द्वितीय (आर-टू) मौरंग खनन क्षेत्र में दो हिस्सेदारों के बीच पैसों के विवाद को लेकर एक-दूसरे पर एक के बाद एक कई राउंड फायरिंग की। करीब 20 मिनट चले विवाद और गोलियों की तड़तड़ाहट के बाद अधिकतर आरोपी यमुना नदी पार कर बांदा जनपद फरार हो गए। जानकारी के अनुसार, आर-टू खनन क्षेत्र में कई हिस्सेदार हैं, जिसमें दो हिस्सेदारों के बीच लेन-देन का विवाद काफी समय से चल रहा है।

पहले भी कई बार साझेदारों के बीच तनाव का माहौल बन चुका है। रविवार को रात आठ बजे करीब एक साझेदार ने अपने दो दर्जन असलहाधारी बदमाशों को रानीपुर-द्वितीय (आर-टू) खनन क्षेत्र में भेजा। बदमाशों ने आते ही कुर्सी-मेज, लाइट और वहां रखा सामान तोड़ना शुरू कर दिया।

यमुना नदी पार कर भागे

खनन कर्मियों ने विरोध किया तो दोनों ओर से मारपीट शुरू हो गई। एक साथ बड़ी संख्या में असलहाधारियों को देखकर मौरंग के लिए आए वाहन चालक भाग निकले। देखते ही देखते दोनों ओर से हवाई फायरिंग शुरू हो गई। करीब 20 के अंदर कई राउंड गोलीबारी के बाद सभी यमुना नदी पार कर भाग गए।

शव मामले में भी सामने आई थी पुलिस की लापरवाही

बीते माह असोथर थाना क्षेत्र के सलेमपुर मौरंग खनन क्षेत्र में एक क्षत-विक्षत शव मिला था, जिसकी पहचान राम नगर कौहन के रहने वाले विकास सिंह के रूप में हुई थी। थाना प्रभारी नागेंद्र कुमार नागर को समय से मामले की जानकारी मिली थी, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने मौके पर 24 घंटे के बाद पुलिस बल भेजा। जिससे शव की स्थिति और बिगड़ती चली गयी। इतना ही नही स्थानीय पुलिस ने इस मामले को भी आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या का खुलासा हुआ तो पुलिस उपाधीक्षक अनिल कुमार ने मोर्चा संभाल लिया।

क्या खनन क्षेत्र से बेखबर है पुलिस?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि अपने थाना क्षेत्र के अधिकतर मामलों की खबर रखने वाली पुलिस क्या खनन मामलों से बेखबर रहती है? या फिर घटनाओं को छिपाने के लिए बेखबर होने का ढोंग रचती है। पुलिस अधीक्षक सतपाल आंतिल का मीडिया सेल अक्सर छोटी-छोटी घटनाओं के होने न होने की जानकारी देता है। कई बार घटना के न होने का खंडन भी जारी होता है, लेकिन धाता मामले पर पुलिस की ओर से कोई बयान नहीं आया। ऐसे में पाठक आसानी से समझ सकते हैं कि पुलिस आखिर करना क्या चाहती है?

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