गैंग्स्टर अबू सलेम को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ी के एक व्यापारी को जान से मारने की धमकी देने और रंगदारी मांगने के मामले में 7 साल की सजा सुनाई है। इससे पहले शनिवार को अदालत ने उसे आईपीसी की धारी 387 और 566 के तहत दोषी पाया था।
हालांकि कोर्ट ने अबू सलेम को 2002 के फिरौती के इस मामले में मकोका के तहत लगे आरोपों से बरी कर दिया। साथ ही कोर्ट ने सह आरोपियों पवन कुमार मित्तल उर्फ राजा भैया, मोहम्मद अशरफ उर्फ बबलू, माजिद खान उर्फ राजू भाई और चंचल मेहता को बरी कर दिया।
कोर्ट 30 मई को अबू सलेम की सजा की अवधि को लेकर दलीलें सुनी गईं थीं। बता दें कि 1993 के मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट केस में अबू सलेम को पहले ही उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है।
रंगदारी का ये मामला साल 2002 का है. आरोप है कि अबू सलेम ने फोन करके दिल्ली के एक व्यापारी अशोक गुप्ता से पैसा मांगने के लिए धमकाया था। सलेम पर आरोप था कि 2002 में दिल्ली के व्यापारी से उसने 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी थी। व्यापारी साउथ दिल्ली के ग्रेटर कैलाश का रहने वाला है।
अबू सलेम ने व्यापारी से रंगदारी मांगते हुए उसे धमकी देकर कहा था कि अगर 5 करोड़ उसे नहीं दिए जाते तो वो उसके पूरे परिवार का कत्ल करवा देगा। मामले में व्यापारी ने पुलिस को वो रिकॉर्डिंग भी मुहैया कराई थी जिसमें फोन पर अबू सलेम ने उसे फोन करके धमकाया था।