लखनऊ। गोमती नदी में जलकुम्भी की सफाई और गोमती में गिरने वाले नालों पर जाली लगाने तथा वर्षा से पूर्व लखनऊ नगर निगम क्षेत्र में नालों की सफाई विषय पर नगर विकास मंत्री की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में महापौर लखनऊ, अपर मुख्य सचिव, नगर विकास, नगर आयुक्त, नगर निगम लखनऊ, अपर जिलाधिकारी (टी.जी. के.पी.सिंह तथा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री राकेश कुमार जैन उपस्थित रहे।
मंत्री आशुतोष टंडन ने लखनऊ नगर क्षेत्र में बार-बार निर्देश के बाद भी गोमती नदी में जलकुम्भी की सफाई न होने पर नाराजगी जाहिर की। साथ ही इसके लिए उत्तरदायी नगर निगम लखनऊ के मुख्य अभियंता (विद्युत/यांत्रिक) के विरूद्व कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए।
आशुतोष टंडन निर्देश दिये कि गोमती नदी की जलकुम्भी की सफाई के लिए नगर निगम सिंचाई विभाग जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा स्थलीय निरीक्षण कल तक अवश्य किया जाये और जलकुम्भी की निकालकर उसे वहां से हटाने में कितनी नावों मशीनों और मैनपावर लगेगी इसका आकलन करते हुए माइक्रोप्लान बना लिया जाये।
नगर निगम और सिंचाई विभाग के जिम्मेदारों ने बताया कि लगभग 2000 टन जलकुम्भी गोमती नदी में है, जिसको हटाया जाना है। मंत्री ने निर्देश दिया गया कि इसके लिए चरणबद्व तरीके से कार्य किया जाए। प्रथम चरण में बुधवार यानी 26 मई तक बैराज के गेट को मैनेज करते हुए पानी का जलस्तर बढ़ाया जाये और फिर सिंचाई विभाग द्वारा गेट खोलकर जलकुम्भी को आगे तक प्रवाहित करने की व्यवस्था की जाए।
द्वितीय चरण में जितनी जलकुम्भी शेष रहती है उसके लिए कुड़ियाघाट से लेकर पक्कापुल और पक्कापुल से गोमती बैराजतक कुल चिन्हित 17 स्थलों पर नगर निगम द्वारा पौकलैण्ड टी.एम.एक्स. आदि मशीनें लगायी जायेंगी। इसमें सिंचाई विभाग द्वारा वृहस्पतिवार से चलने वाले अभियान में 10 दिनों के लिए 10 पोकलैण्ड मशीनें उपलब्ध करायी जाएंगी। नगर निगम का दायित्व होगा कि गोमती से निकली जलकुम्भी को ट्रकों, डम्परों और ट्रालियों से प्रोसेसिंग प्लान्ट तक पहुंचायेगा।
इस सफाई अभियान में 25 नावें प्रतिदिन लगायी जाएंगी। वृहस्पतिवार से चलने वाले 10 दिन के विशेष अभियान के बाद भी प्रत्येक माह में 5 दिन गोमती नदी की जलकुम्भी की सफाई का अभियान निरन्तरता से चलाया जायेगा।
नगर विकास मंत्री ने निर्देश दिये कि लखनऊ के बाहर के जो 80 नाले गोमती में प्रवाहित होते हैं, उन पर नगर निगम लखनऊ के मुख्य अभियंता (सिविल) एवं मुख्य अभियंता (विद्युत/यांत्रिक) द्वारा गोमती में गिरने वाले सभी नालों का संयुक्त रूप से निरीक्षण कर जाली की स्थापना करायी जायेगी एवं कचरा हटवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जायेगी।
उन्होंने नगर आयुक्त को निर्देश दिया गया कि 15 दिन में सभी नालों की सफाई शत-प्रतिशत पूर्ण कर ली जाय और नालों की सफाई का निरीक्षण स्वयं उनके और अपर नगर आयुक्तों द्वारा किया जाये। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये।
बैठक में महापौर संयुक्ता भाटिया, अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ रजनीश दूबे, विशेष सचिव संजय यादव, नगर आयुक्त अजय द्विवेदी, अधीक्षण अभियंता सिंचाई राकेश कुमार जैन, एडीएम सिटी (टी.जी.) के.पी.सिंह, अपर नगर आयुक्त, मुख्य अभियन्ता नगर निगम एवं अन्य अधिकारीगण बैठक में मौजूद रहे।