साल की शुरूआत में ईरान ने रिवलूशनरी गार्ड के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को खो दिया था। जिसका विरोध पूरे देश में देखने को मिला था। सुलेमानी की हत्या के बाद लगातार ये बात कही जा रही थी कि, ये सब अमेरिका और इजरायल ने मिलकर कराया है। जिस पर विरोध जताते हुए इरान ने अमेरिका पर मिसाइले भी दांगी थी। जिसके बाद अमेरिका और ईरान के रिश्ते बेहद खराब हो गये थे।
अमेरिकी ड्रोन ने बगदाद में हमला कर सुलेमानी को मार डाला था। इस हमले के बाद ईरान ने अमेरिका से बदला लेने का संकल्प लिया था और इराक में मौजूद अमेरिकी एयर बेस पर रॉकेट भी दागे थे। इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था।
अब बहुत जल्द ईरान अमेरिकी जासूस और सुलेमानी के हत्यारे को सजा देने जा रहा है।
ईरान की जूडिशरी के प्रवक्ता गुलाम हुसैन इस्माइली ने दोषी के बारे में बहुत कम जानकारी दी है। उन्होंने सिर्फ यह बताया कि उसका नाम महमूद मौसवी मज्द है।
हालांकि, यह सवाल भी उठ रहा है कि मज्द को कैसे सुलेमानी की यात्रा संबंधी जानकारी मिली। इस्माइली ने मज्द पर आरोप लगाया कि गार्ड और ऑपरेशन यूनिट की सुरक्षा जानकारी उसने साझा की। इस इकाई को कुद्स या यरुशलम बल भी कहा जाता है कि जिसकी कमान सुलेमानी के हाथों में थी।
इस्माइली ने आरोप लगाया कि मज्द अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद से जुड़ा हुआ है। बहरहाल, इस संबंध में उन्होंने कोई सबूत नहीं पेश किए और न ही खुफिया एजेंसी से प्रतिक्रिया के लिए तत्काल संपर्क हो पाया।
प्रवक्ता ने यह भी नहीं बताया कि मज्द को कब फांसी दी जाएगी, लेकिन इतना कहा कि यह जल्द होगा। वह मज्द द्वारा दी गई जानकारी से सुलेमानी की मौत को भी सीधे तौर पर जोड़ने से बचते हुए नजर आए।
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लेकिन जिस तरह से ईरान सुलेमानी और उनके साथ मारे गये लोगों का जिम्मेदार अमेरिका के जासूस को बता रहा है। उसे द्खकरक लग रहा है वो बहुत जल्द ही महमूद मौसवी मज्द को खौंफनाक सजा देगा।