पटना। कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन को आज 34वां दिन है। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के चारों ओर डेरा डाले हुए है। इसके साथ ही किसान संगठनों और सरकार के बीच बुधवार को फिर से एक बार बीतचीत होगी। इस दौरान किसानों द्वारा कई मुद्दो को लेकर वार्ता की बात कहीं गई है। असी बीच आज किसान आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को पटना में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले किसानों ने ‘राजभवन मार्च’ निकाला। इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस में झड़प हो गई। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग झंडा, बैनर, पोस्टर हाथ में लिए हुए थे और केंद्र सरकार के विरोध में नारे लगा रहे थे।
सरकार विरोध प्रदर्शन को खत्म करना चाहती है- रामाधार सिंह
बता दें कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले कई संगठनों के नेता और कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शामिल हुए। गांधी मैदान से निकाले गए इस ‘राजभवन मार्च’ को पुलिस प्रशासन ने कई स्थानों पर रोकने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं रूके और डाक बंगला चौराहा पहुंच गए। यहां पुलिस बैरिकेडिंग कर पहले से ही तैनात थी। यहां भी प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, तब पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इस मार्च को वामदलों का भी समर्थन प्राप्त है। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस समझाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हुए। इस दौरान पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की धक्का-मुक्की भी हुई। अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार प्रदेश सचिव रामाधार सिंह ने कहा कि सरकार विरोध प्रदर्शन को खत्म करना चाहती है। राजभवन मार्च नहीं करने देना किसानों पर अन्याय है। उन्होंने कहा कि हमलोग राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन देना चाहते हैं। इधर, पुलिस प्रदर्शन के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र का हवाला देकर उन्हें रोक रही है।