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लॉकडाउन में धड़ल्ले से चला रहे थे नकली गुटखे की फैक्ट्री, स्वाट टीम ने 4 आरोपियों को दबोचा

लॉकडाउन में धड़ल्ले से चला रहे थे नकली गुटखे की फैक्ट्री, स्वाट टीम ने 4 आरोपियों को दबोचा

कानपुरः अब आरोपियों ने भी आपदा को अवसर में बदलना सीख लिया है। लॉकडाउन में जब गुटखे के दाम बढ़ने लगे तो इस गिरोह ने नकली गुटखा बनाने की फैक्ट्री खोल दी और पूरे प्रदेश में सप्लाई देने का काम शुरू कर दिया।

कानपुर की स्वाट टीम ने गोविंद नगर पुलिस के साथ मिलकर एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश किया है जो ब्रांडेड कंपनियों के नकली गुटखे को तैयार करने का काम कर रहा था। स्वाट टीम ने बुधवार की सुबह गुटाखा बनाने वाली फैक्ट्री से भारी मात्रा में कच्चा व तैयार माल के साथ गुटखा बनाने वाली मशीन बरामद की है। पुलिस ने मकान मालिक के बेटे सहित चार लोगों को हिरासत में लिया है।

पुलिस के मुताबिक, गोविंद नगर थाना क्षेत्र के महादेव नगर बस्ती में रहने वाले अनुज मिश्रा के मकान में नकली गुटखा बनाने की फैक्ट्री चलाई जा रही थी। मूसा नगर निवासी गोरेलाल साहू, मछरिया निवासी कमल प्रजापति और मशीन ऑपरेटर रिंकू सविता मिलकर पूरी फैक्ट्री चला रहे थे।

केमिकल से तैयार करते थे नकली गुटखा

वहीं खाद्य विभाग ने पकड़े गए गुटखे के सैंपल को जांच किया तो पता चला कि इसमें घटिया केमिकल, तंबाकू, सड़ी सुपाड़ी के साथ-साथ चाइनीज कत्थे का इस्तेमाल किया जाता था। सभी केमिकल का नमूना लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है। अधिकारियों की माने तो नकली गुटखा बहुत ही घातक है। इसमें चाइनीज कत्था तो और भी ज्यादा खतरनाक है।

चाइनीज कत्थे में कत्थे के नाम पर केवल केमिकल ही होता है। इसके सेवन से कैंसर जैसी घातक बीमारियों के साथ अन्य घातक बीमारियां भी हो सकती हैं। मकान मालिक के फैमली की भूंमिका संदिग्ध होने पर पुलिस ने पछताछ के लिए उन्हें भी हिरासत में लिया है।

24*7 होता था नकली गुटखे का उत्पादन

गोदाम से पुलिस को एसएनके, कमला पसंद, गुबार, राजश्री, निशा, विमल, ओके जैसे ब्रांड का तैयार किया नकली गुटखा बरामद हुआ है। पुलिस ने इनकी कीमत का आकलन करीब 50 लाख रूपये तक किया है।

पुलिस के मुताबिक ये शातिर लॉकडाउन में ब्रांडेड कंपनियों का माल बताकर दुकानदारों को ब्लैक कर करोड़ो की काली कमाई करते थे। पूछताछ में फैक्ट्री संचालक ने बताया कि लॉकडाउन में 24 घंटे फैक्ट्री में उत्पादन का काम होता था। नकली गुटखे की सप्लाई सिर्फ कानपुर में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में सप्लाई किया जाता था।

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