नई दिल्ली। साल 2014 में इराक पर आईएसआईएस के कब्जे के बाद लापता हुए 39 भारतीयों की मौत की पुष्टि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चार साल बाद कर दी है। विदेश मंत्री ने राज्यसभा में अपने भाषणा में कहा कि इराक में आईएसआईएस के चुंगुल में फंसे 39 भारतीयों को आईएसआईएस ने मौत के घाट उतार दिया है। विदेश मंत्री ने बताया कि इस बात की पुष्टी डीएनए के जरिए की गई है। जहां 38 लोगों का डीएनए पूरी तरह से मैच हो गया है तो वहीं 39वां डीएनए 70 फीसदी तक मैच हो गया है।
राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि इनमें 31 पंजाब के और चार हिमाचल प्रदेश हैं। इन 39 भारतीयों में बिहार और पश्चिम बंगाल के लोग भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मृतकों के पार्थिव शरीर को लाने के लिए हवाई जहाज को इराक भेजा जाएगा। विदेश मंत्री ने मारे गए भारतीयों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। सुषमा ने कहा कि मैंने 27 जुलाई को राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा था किु जब तक कोई भी सबूत नहीं मिल जाता, मैं उनकी मौत या हत्या की घोषणा नहीं करुंगी।
विदेश मंत्री ने कहा कि लेकिन अब वे समय आ गया है कि हरजीत मसी की कहानी सच्ची नहीं थी। सुषमा ने राज्यसभा सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि शवों के अवशेष को बगदाद भेजा गया, जहां उनके डीएनए सैंपल लिए गए और उन्हें पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में मौजूद उनके रिश्तेदारों के पास भेजा गया। कल हमें जानकारी मिली कि 38 शवों के डीएनए मैच कर गए हैं और 39वें व्यक्ति का डीएनए 70 फीसदी मैच किया है।