- प्रवीण पटेल, भारत खबर
शक्तिनगर। भारत की मिनी रत्न कंपनियों में एनसीएल (नार्दन कोल फील्ड लिमिटेड) का नाम होता है और कोयला उत्पादन भी अच्छी खासी बढ़त भी कर चुकी है। जिसके बाद अगर एनसीएल के काफी परियोजना आज भी ठेकेदारों के माध्यम से सिक्योरिटी गार्ड से सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अगर देखा जाय तो ठेकेदारों को एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। वही दूसरी तरफ एनसीएल के खडिया परियोजना में ठेकेदारों के माध्यम से सिक्योरिटी गार्ड के रूप में कार्यरत तमाम लोगो ने आरोप ठेकेदार समेत एनसीएल पर आरोप लगाते हुए नजर आए की उन्हें अन्य प्रांतों से रोजगार के नाम पर बुलाया गया और सिक्योरिटी गार्ड के रूप में रोजगार भी दिया गया जिसके बाद इन दिनों सिक्योरिटी गार्ड को बीते कई माह से उनका वेतन भुगतान नही होने से वो दर दर भटकने पर मजबूर है। साथ ही अहम विषय जो उभर कर बात आ रही है कि बंटी सिंह ठेकेदार का नाम सामने आ रहा है।
सूत्रों की माने तो एनसीएल परियोजना में जो आये दिन डीज़ल कोयला चोरी की घटना सामने आती है तो कहीं न कहीं ऐसे ठेकेदार की भूमिका की अहम होने की बात संदिग्ध परिस्थितियों में होना तय है।साथ ही गार्डो ने ठेकेदार पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि 8 घंटे की जगह 12 घण्टे की ड्यूटी कराई जा रही है। जिसको गार्डो द्वारा तमाम आधीकरियो का दरवाजा खटखटाने के बाद आज उग्र होकर एनसीएल खडिया आफिस से समक्ष अपनी मांग को लेकर अधिकारियों को लिखित रूप से पत्र सौंप पर कार्यवाही की मांग की गई है।
आखिर जब एनसीएल पूरा जोर लगाकर उत्पादन समेत अपने खदान की सुरक्षा को लेकर बड़ी गंभीर होने का दावा करती है ऐसे में आखिर ऐसे ठेकेदार लापरवाह को ब्लैकलिस्ट क्यों नही करती है। और संबंधित अधिकारी सिक्योरिटी गार्ड के पेमेंट को लेकर लापरवाह कैसे हो सकती है। क्या एनसीएल के परियोजना में ठेकेदारों के अंतर्गत कार्य करने वाले लोगो का देख रेख किसके भरोसे क्यों नही करती एनसीएल कार्यवाही आखिर कितने दिन तक गार्डो को भूखे प्यासे कब तक करनी पड़ेगी नौकरी। मामले में जब उच्च अधिकारियों से बात हुई तो ऐसे ठेकेदारों पर कार्यवाही की बात कही गयी है। अब देखना ये होगा कि कब तक कार्यवाही होगी।