फतेहपुर: जिला पुरुष अस्पताल के पैथालाजी में लगी बायोकेमिस्ट्री एनलाइजर मशीन पिछले एक सप्ताह से खराब है। ऐसे में प्रतिदिन 30 से 40 मरीजों की जांचें प्रभावित हो रही है। अब या तो मरीज वापस लौट जाए या फिर बाजार से जांच करवाकर अपनी जेब ढीली करे। ऐसे में मरीजों को अपनी बीमारी के साथ बाहर जा कर जांच भी करानी पड़ रही है। मरता क्या न करता मजबूरी में मरीज पर दोहरा प्रहार हो रहा है। यह मशीन पहली बार खराब नही हुई है बल्कि आये दिन खराब होती रहती है।
सुबह आठ बजे से ही पैथालॉजी काउंटर पर मरीजों और तीमारदारों की भीड़ लगनी शुरू हो जाती है। जब मरीज का नम्बर रजिस्ट्रेशन के लिए आता है तो पता चलता है कि बायो एनालाइजर मशीन खराब है। ऐसे में जिन मरीजों की लिपिड प्रोफाइल, टोटल कैल्शियम, रैंडम ब्लड शुगर, प्रोटीन, लीवर, किडनी, आरए फैक्टर, सीआरपी सहित तमाम जांचे होती हैं वह नही हो पाती है। मजबूरी में मरीज या उनके परिजन निराश होकर लौट जाते हैं। हालांकि इनमें कुछ लोग सक्षम होते हैं तो वह बाहर से जांच करवा लेते हैं। लेकिन गरीब मरीज को या तो बिना जांच के उपचार करवाना पड़ता है या फिर वह बिना उपचार के लौट जाता है। बुधवार को नगमा बानों के परिजन उनका उपचार करवाने जिला अस्पताल पहुंचे थे। पैथालॉजी काउंटर पर उन्हें जानकारी मिली कि बॉयो एनालाइजर मशीन खराब है ऐसे में जांच नही हो पाएगी। इस पर उन्हें निराशा हुई। उन्होंने बताया कि पिछले कई दिनों से वह बार-बार आते हैं और उन्हें मशीन सही न होने की बात कह कर लौटा दी जाती है।
उमड़ रही मरीजों की भीड़
बारिश का मौसम चल रहा है ऐसे में सर्दी, बुखार, जुकाम के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक मरीजों की भारी भीड़ बनीं रहती है। जिला अस्पताल में एक बजे के बाद पंजीकरण होना बंद हो जाता है लेकिन फिर भी लोगों की भीड़ बनीं रहती है। ऐसे में महत्वपूर्ण समय पर बॉयो एनालाइजर मशीन का खराब होना चिंता का विषय है।
“जिला अस्पताल की पैथालॉजी में एक ही बॉयो एनालाइजर मशीन है। इसे सही करवाने के लिए विशेषज्ञों को बुलाया गया है। जल्द ही यह मशीन ठीक होकर काम करने लगेगी।”