शनिवार को हुई सेना और आतंकियों की मुठभेड़ में सेना ने लश्कर ए तैयबा के तीन आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। ऐसे में सेना ने इस साल में अब तक 122 आतंकियों को अपनी गोली का शिकार बनाया है। यह आकंड़ा पिछले साल के हिसाब से कही ज्यादा है। सेना ने साल 2016 में घाटी में 120 के करीब आतंकियों को मार गिराया था। लेकिन जिस तरह से इन दिनों घाटी में आतंकी घटनाए हो रही है उसे देख कर इस बार के आंकड़े में और भी ज्यादा इजाफा होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
सेना ने घाटी में से आतंकियों का सफाया करने का लक्ष्य तय किया हुआ है। सेना ने जिस तरह हिजबुल कमांडर सबजार भट को मारा था उसे देख कर यह साफ हो गया था कि अब सेना आतंकियों का खात्मा करने के लिए कुछ भी कर सकती है। आतंकियों के गढ़ कहे जाने वाले दक्षिण कश्मीर में सेना का खास ध्यान है। क्योंकि आतंकियों ने यह पर आतंक मचाया हुआ है। आतंकियों ने इस बार अपनी हरकतें तेज कर दी है। जब से हिजबुल कमांडर बुरहान वानी को सेना ने मारा है तब से घाटी में आतंकी घटनाएं आए दिन सामने आ रही है। कभी पाकिस्तान की तरफ से सीज फायर का उल्लंघन हो रहा है तो कभी आतंकी घाटी का माहौल बिगाड़ने में लगे हुए हैं। ऐसे में सेना ने अपना ऑपरेशन भी तेज कर दिया है।
सेना ने घाटी में से आतंकियों के सफाए के लिए अपना ऑपरेशन क्लीप अप भी शुरू कर दिया है। सेना ने आतंकियों के खात्मे के लिए अपने सबसे बड़े ऑपरेशन को शुरू कर दिया है। सुरक्षाबलों के सबसे बड़े ऑपरेशन में सेना के 4 हजार से ज्यादा तथा सीआरपीएफ और पुलिस के जवान शामिल हैं। जैसे ही सेना ने अपने इस ऑपरेशन को शुरू किया है तब से ही आतंकियों में खलबली मची हुई है। सूत्रों के हवाले से यह खबर है कि इस बार सेना ने यह लक्ष्य तय कर रखा है कि साल के अंत में घाटी में आतंकियों का सफाया कर के ही दम लेना है। सेना ने आतंकियों के खिलाफ अपनी कमर कसी हुई है। सेना के ऑपरेशन को देखते हुए आतंकियों में दहशत का माहौल बना हुआ है।