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Economic Survey 2022: वित्तीय वर्ष 2022-23 में 8 से 8.5 फीसदी जीडीपी वृद्धि की उम्मीद

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Economic Survey 2022 || वित्तीय वर्ष 2022-23 में देश की आर्थिक वृद्धि दर में 8 से 8.5 प्रतिशत वृद्धि होने की उम्मीद है। यह जानकारी संसद के बजट सत्र के दौरान आर्थिक सर्वेक्षण 2022 में साझा की गई।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद के बजट सत्र में आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 पेश किया गया। इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि देश में आर्थिक मोर्चे पर सभी गतिविधियों को रफ्तार पकड़ने में, कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान में तेजी एवं आपूर्ति की प्रक्रिया को तेज करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत व बेहतर होना जरूरी है इसके चलते देश की जीडीपी 8 से 8.5 फीसदी होने की उम्मीद है।

वित्त मंत्रालय की ओर से आगे कहा गया कि अभी भी वैश्विक वातावरण में अनिश्चितता बनी हुई है मौजूदा वक्त में कोरोनावायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रोन नई लहर के रूप में दुनिया को प्रभावित कर रहा है। अधिकांश देशों में मुद्रास्फीति बढ़ने से केंद्रीय बैंकों द्वारा धन की निकासी शुरू कर दी गई है। 

ऐसे में कहा जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर महामारी के सभी प्रकार की दिक्कतों के बावजूद भी भारत का भुगतान संतुलन पिछले 2 वर्षों में अतिशेष में रहा है इस प्रवृत्ति में आरबीआई को विदेशी मुद्रा भंडार जमा कराने के लिए प्रेरित किया। उच्च विदेशी पूंजी भंडार, निरंतर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और बढ़ते निर्यात से होने वाली आय वर्ष 2022-23 में विश्व में संभावित तरलता की कमी के खिलाफ पर्याप्त सहारा प्रदान करेगा।

आर्थिक सर्वेक्षण का क्या है 

आर्थिक सर्वेक्षण बीते 1 साल में देश के प्रदर्शन का लेखा-जोखा होता है। जिसमें अर्थव्यवस्था की दिशा में जीडीपी का क्या हाल रहा और 1 साल के दौरान विकास की क्या गति रही इसकी समीक्षा की जाती है। साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण भविष्य के लिए नए सुझाव देता है। बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है। यह आर्थिक सर्वेक्षण आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है।

पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में हुआ था पेश

 भारत का पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था। बजट के समय ही इस दस्तावेज को पेश किया जाता है। हालांकि यह आर्थिक सर्वेक्षण पहले एक खंड में पेश किया जाता था। लेकिन बीते कुछ सालों से आर्थिक सर्वेक्षण को दो खंडों में प्रस्तुत किया जाने लगा है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को बजट का मुख्य आधार माना जाता है। हालांकि इसकी सिफारिश सरकार ही लागू करें ऐसा जरूरी नहीं है। इसमें सरकारी नीतियों, प्रमुख आर्थिक आंकड़े, क्षेत्रवार आर्थिक रुझान के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है। इसे दो हिस्सों में पेश किया जाता है। पहले हिस्से में अर्थव्यवस्था के हालातों का विवरण किया जाता है। वही दूसरे हिस्से में प्रमुख आंकड़ों को प्रस्तुत किया जाता है।

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