लखनऊ। कोरोना महामारी में देश की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से ठप हो गई थी। इस दौरान देश के उद्योग बंद हो गए थे। जिसके चलते बाहर काम करने वाले मजदूर अपने घरों की तरह रवाना हो चले थे। जिसके चलते देश में बेरोजगारी की समस्या पहले ये कहीं ज्यादा बढ़ गई थी। जिसें कम करने के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीती 4 मई को अपने आवास पर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए दूसरे प्रदेशों से यूपी लौट रहे मजदूरों और अन्य लोगों के लिए राज्य में ही रोजगार के अवसर प्रदान करने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री का यह निर्देश मिलने के बाद एक कार्ययोजना तैयार की गई। इस कार्ययोजना पर अमल करते हुए आठ महीनों में आत्मनिर्भर पैकेज के जरिये 6,65,740 नई इकाइयों में 26,62,960 लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया।
कोरोना काल में कारगार साबित हुई एमएसएमई विभाग की ओडीओपी योजना-
बता दें कि योगी सरकार ने बेरोजगारो को रोजगार देने में बहुत अहम भूमिका निभाई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनाए गए सेवायोजन पोर्टल के जरिये भी 5,25,978 लोगों को रोजगार मिला और यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अन्य राज्यों से आए श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के लगातार किए गए प्रयासों से संभव हो सका है। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि योगी सरकार ने छोटे उद्योगों से रोजगार देने का बड़ा लक्ष्य साधा है और योगी सरकार के इस माडल को देश के अन्य राज्यों में लागू किया जाना चाहिए। सूबे में श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के मामले में योगी सरकार की ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ (ओडीओपी) गेम चेंजर साबित हुई है। राज्य के हर जिले में आत्मनिर्भर पैकेज के जरिये लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के लिए मदद मिली। एमएसएमई विभाग की ओडीओपी योजना में लोगों को रोजगार मिला। यहीं नहीं कोरोना काल के दौरान योगी सरकार ने आत्म निर्भर पैकेज के अंतर्गत 4,24,283 पुरानी इकाइयों को 1092 करोड़ रुपये का लोन देकर जहां पुराने रोजगार बचाये रखा। इसके अलावा लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री ने सेवायोजन पोर्टल भी शुरू कराया। इस पोर्टल के जरिये भी बीती 13 दिसंबर तक 5,25,978 लोगों को रोजगार मिला है।
40 लाख प्रवासी श्रमिकों का स्किल मैपिंग अभियान चलाया गया-
लॉकडाउन के तीसरे फेज में लघु उद्योगों को और विस्तार देने की योजना तैयार की गई। फिर इस योजना पर अमल करते हुए प्रदेश में बंद पड़े लगभग ढाई लाख सूक्ष्म एवं कुटीर उद्योगों को पुनर्जीवन देने का कार्य किया गया। इसके साथ ही दूसरे राज्यों से लौटे लगभग 40 लाख प्रवासी श्रमिकों का स्किल मैपिंग अभियान चलाया गया। फिर इन श्रमिकों में से 1,14,466 प्रवासी श्रमिकों को रियल एस्टेट में रोजगार मुहैया कराया गया। एक लाख से अधिक श्रमिकों को छोटे जिलों में ही मिला काम दिलाया गया है। प्रदेश सरकार के लाखों गरीब-मजदूर और श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के प्रयास को रिजर्व बैंक ने भी सराहा है। आरबीआई के अनुसार एमएसएमई के माध्यम से रोजगार देने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश देश के टॉप 5 राज्यों में शामिल है।