लखनऊ: गुरुवार को डिप्टी सीएम केशव प्रासाद मौर्य प्रयागराज जिले में थे, जहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ उन्होंने बैठक भी की। बातचीत के दौरान किसानों ने कहा कि सभी पीड़ितों को राहत सामग्री जल्द से जल्द पहुंचाई जाए। साथ ही राहत और बचाव के काम में भी तेजी लाने की बात उनके द्वारा कही गई।
प्रयागराज के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद मा0 जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में अधिकारियों को बचाव एवं राहत सामग्री को पीड़ितों तक जल्द से जल्द पहुंचाने के निर्देश दिए।#FloodReliefInSangam pic.twitter.com/fDsy0OAlQI
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) August 12, 2021
खबरों के अनुसार कुल 24 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जहां के 605 गांव जलमग्न हो गए हैं। इन जिलों में वाराणसी, प्रयागराज, गाजीपुर, औरैया, बलिया, हमीरपुर, जालौन, बांदा में काफी बिगड़े हालात देखने को मिले हैं। यहां कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर हो गया है। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम को तैनात कर दिया गया है। सभी प्रभावित लोगों को राहत सामग्री और सुरक्षित स्थान पर भेजने की भी कोशिश लगातार जारी है।
दूसरी तरफ गाजीपुर में 2019 का भी बाढ़ का रिकॉर्ड टूट गया। 64.580 मीटर जलस्तर पर गंगा नदी पहुंच गई है, साल 2019 में 64.530 मीटर तक पहुंची थी। जनपद में खतरे का निशान 63.105 मीटर पर है। मिर्जापुर जिले में भयंकर तबाही देखने को मिल रही है। जिले में बाढ़ से कई गांव प्रभावित हैं, यहां खतरे के निशान से ऊपर से बह गंगा नदी बह रही है। एक सेंटीमीटर हर घण्टे गंगा का पानी बढ़ रहा है। इसी के चलते खैरा पॉवर हाउस में भी बाढ़ का पानी भर गया, 80 हजार की आबादी अंधेरे में रह रहने को मजबूर है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के साथ-साथ केशव प्रसाद मौर्य सर्किट हाउस में पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ राम वन गमन मार्ग से जुड़ी समीक्षा बैठक की। इस दौरान डिजिटल मैप के माध्यम से पूरे मार्ग का संपूर्ण संरेखण भी प्रस्तुत किया गया।