प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को ऑनलाइन शराब बिक्री की अनुमति देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि हम शराब की ऑनलाइन बिक्री की अनुमति देने के इच्छुक नहीं है।
दरअसल, हाईकोर्ट के वकील गोपाल कृष्ण पांडे द्वारा दायर एक जनहित याचिका में शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी की अनुमित देने के लिए एक नीति तैयार करने की मांग की थी। जिसपर इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मुनीश्वर नाथ भंडारी और जस्टिस सुभाष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने कहा, “विषय को राज्य की नीति के रूप में देखते हुए, हम शराब की ऑनलाइन बिक्री की अनुमति देने के इच्छुक नहीं हैं।”
याचिका में शराब की होम डिलीवरी के लिए आवश्यक नीति बनाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में कुछ अन्य राज्य सरकारों द्वारा शराब की ऑनलाइन बिक्री की अनुमति देने के लिए जारी अधिसूचना दिखाया और कहा कि मद्रास हाईकोर्ट ने भी शराब की होम डिलीवरी और ऑनलाइन बिक्री की अनुमति दे दी है।
राज्य सरकार के वकीन ने किया विरोध
राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्य स्थायी वकील ने याचिका का विरोध किया और प्रस्तुत किया कि की गई प्रार्थना नीतिगत निर्णय के संदर्भ में है और वर्तमान में सरकार होम डिलीवरी के साथ शराब की ऑनलाइन बिक्री की अनुमति देने के इच्छुक नहीं है। कुछ राज्यों द्वारा ऑनलाइन शराब बेचने की अनुमति उस दौर में थी जब कोविड-19 अपने चरम पर था और यह दुकानों में भीड़भाड़ से बचने के लिए था। उत्तर प्रदेश राज्य में दुकानों पर भीड़भाड़ दिखाने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है और कोविड का चरम और उसका दूसरा चरण चला गया है।
बता दें कि दायर जनहित याचिका में बिक्री की अनुमति देने के कई कारण बताए गए हैं जैसे कि अगर शराब ऑनलाइन बेची जाती है, तो बिक्री भी बढ़ेगी जिससे राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। याचिकाकर्ता ने कहा, इसके अलावा, दुकानों के रखरखाव की लागत कम होगी।