नई दिल्ली। अमेरिका और भारत ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए 2008 के मुंबई और 2016 में हुए पठानकोट हमले के गुनहगारों को जल्द से जल्द पकड़ने को कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक साझा बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान को जल्द से जल्द भारत में मुंबई और पठानकोट पर हुए आत्मघाती हमलों के षडयंत्रकारियों को पकड़ना चाहिए ताकि निर्दोषों को न्याय मिल सके।
दोनों नेताओं ने बयान में अल-कायदा, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, डी कंपनी और इस्लामिक स्टेट जैसे अन्य चरमपंथी संगठनों द्वारा दुनिया भर में फैलाई जा रही आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने पर प्रतिबद्धता जताई है। पहली बार भारत और अमेरिका ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी को चरमपंथी संगठनों की सूची में रखा।
दोनों नेताओं ने आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की कड़ी निंदा की है। साथ ही हाल ही में पेरिस से पठानकोट और ब्रसेल्स से काबुल में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान एक साझा बयान में दोनों देशों ने आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के खिलाफ एक साथ खड़े होकर लड़ने की प्रतिबद्धता जताते हुए द्विपक्षीय प्रयासों के माध्यम से एवं अन्य देशों को एक साथ लाकर आतंकवाद के खिलाफ जंग छेड़ेने पर सहमति जताई। साथ ही आतंकियों और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा।
2015 जनवरी और सितंबर माह में भारत-अमेरिका की बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए दोनों देशों ने भविष्य के लिए सहयोग को मजबूत बनाने और चरमपंथियों पर लगाम लगाने पर सहमति जताई। वहीं अमेरिकी सदन में विदेश मामलों के प्रतिनिधि समिति के अध्यक्ष एडवर्ड रॉयस ने भी आतंकवाद की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका दोनों को एक साथ खड़े होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई छेड़नी चाहिए।
एडवर्ड रॉयस ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के पठानकोट वायुसेना के हवाईअहड्डे पर हमला करने वाले आतंकियों को जल्द से जल्द पकड़ना चाहिए और निर्दोषों को न्याय दिलवाना चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल साबित होता है तो इस कार्य के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगे आना चाहिए। एडवर्ड रॉयस ने कहा कि पाकिस्तान में लगभग 600 देवबंदी मदरसों को चलाया जा रहा है जहां आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस मदरसों को बंद किए जाने की जरूरत है।