वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर पश्चिम एशिया को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। यह जानकारी मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली। व्हाइट हाउस में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों और अपने देश की सुरक्षा टीम के साथ बैठक में ट्रंप ने भावी कार्य योजना के रूप में ईरान की अस्थिर करने वाली गतिविधियों को रोकने, सीरिया में संघर्ष खत्म करने, आतंकवाद का मुकाबला करने और उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण सहित कई मुद्दों का उल्लेख किया।
बता दें कि इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की दूत निकी हेली ने अपने सहयोगी राजनयिकों को वाशिंगटन स्थित अनाकोस्तिया -बॉलिंग में एक कथित ईरानी मिसाइल का मलबा दिखाया। यह मिसाइल सऊदी अरब पर दागी गई थी।हेली ने कहा, ‘‘ सबूत लगातार बताते हैं कि ईरान स्पष्ट रूप से अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों की अनदेखी कर रहा है।’’
वहीं उन्होंने आगे कहा कि ईरान का रवैया ना केवल उसके पड़ोसियों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरनाक है। विदित हो कि हेली सुरक्षा परिषद को ईरान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए समझाने का प्रयास कर रही हैं। यह कार्रवाई संभवत: प्रतिबंध के रूप में होगी। लेकिन रूस इसका विरोध कर सकता है जिसका तेहरान के घनिष्ठ संबंध है।
साथ ही अमेरिका के अधिकारियों ने बताया कि बेस पर प्रदर्शित, धातु का मलबा वास्तव में ईरान में निर्मित कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का है जो तेहरान ने यमन में हूती विद्रोहियों को मुहैया कराई थी। विद्रोहियों ने गत नवंबर में यह मिसाइल सऊदी अरब की राजधानी रियाद स्थित एक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दागी थी। मिसाइल फटी, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने ट्वीट कर मिसाइल के मलबे को फर्जी करार करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ट्रंप और उनकी टोली सुरक्षा परिषद में ईरान के खिलाफ फर्जी प्रमाण के जरिए माहौल बनाने का प्रयास कर रही है।