इस्लामाबाद। पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य घोषित किए गए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को राहत मिलती हुई नजर नहीं आ रही है। मंगलवार को इस मामले में एक सप्लीमेंट्री मामले में उनकी आपत्तियों को खारिज कर दिया गया है, जोकि लंदन स्थित संपत्तियों को लेकर देश की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ दायर किया था। अदालत ने फैसला लिया है कि इस सप्लीमेंट्री केस को एवेनफील्ड फ्लैट्स केस में रिकोर्ड का हिस्सा बना दिया गया है। दरअसल 22 जनवरी को इस्लामाबाद के राष्ट्रीय जवाबदेही अदालत में संप्लीमेंट केस दायर किया गया था।
आपको बता दें कि शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामले पहले से हैं, जो पनामा पेपर्स स्कैंडल से जुड़े हुए हैं। इस मामले में नवाज के अलावा उनकी बेटी मरयम और दमाद सफदल भी आरोपी है। नवाज के वकील के मुताबिक राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने कहा था कि सप्लीमेंट्री केस तभी दायर होगा जब संदिग्धों के खिलाफ नए सबूत जुटाए जाए। क्योंकि ये कोई मामला नहीं है इसलिए ये नहीं कहा जा सकता कि शरीफ को निशाना बनाने के लिए सप्लीमेंट्री केस दायर किया गया हो। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो के तीनों मामलों में शरीफ और उनके बेटों का नाम शामिल है। जबकि उनकी बेटी और दामाद सिर्फ एवेनफील्ड मामले में फंसे हुए हैं।
जब से शरीफ सत्ता से बेदखल हुए हैं, तब से उनका राजनीतिक भविष्य अधर में है। जबकि वह अब भी देश की सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएल-एन के प्रमुख हैं। अगर वह भ्रष्टाचार मामलों में दोषी साबित होते हैं तो जेल जाना पड़ सकता है। हालांकि शरीफ और उनके परिवार का कहना है कि सभी मामले राजनीति से प्रेरित हैं। पनामा पेपर्स स्कैंडल में फंसने के बाद 68 वर्षीय शरीफ को पाक पीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। अपनी बेटी और दामाद के साथ आज वह 15वीं बार अदालत में पेश हुए। सुनवाई के दौरान शरीफ के वकील ने सप्लीमेंट्री रेफरेंस को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है।