लखनऊः राजधानी में बड़े पैमाने पर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी कोरोना संक्रमण की जद में आ रहा है। आलम यह है कि सैंपल लेने वाले कर्मचारी भी बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव हो रहे है। जिसकी वजह से कई अस्पतालों समेत सीएचसी में सैंपलिंग का काम बंद हो गया है। जिसकी वजह से टेस्ट करवाने आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में घर-घर जाकर टेस्ट करने वाली टीमों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। तो वहीं सिविल, लोहिया जैसे अस्पतालों में कोरोना टेस्ट वालों की भीड़ होने लगी है। लोग सुबह से ही लाइन में लग जाते है। लेकिन इसके बावजूद सैकड़ों लोग बिना टेस्ट कराये लौट रहे है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।
अस्पतालों का स्टाफ हुआ संक्रमित
राजधानी के सभी सरकारी और सीएचसी-पीएचसी में एंटीजन टेस्ट व आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लेने का काम किया जाता है। लेकिन, आलम यह है कि बीआरडी महानगर, बलरामपुर अस्पताल, इंदिरानगर बीएमसी, चंदरनगर सीएचसी समेत अन्य सरकारी सेंटर्स पर जांचें पूरी तर से ठप है।
यहां पर सैंपल लेने वाला स्टॉफ कोरोना पॉजिटिव चल रहा है। जबकि इन जगहों पर पहले रोजाना सौ से अधिक एंटीजन जांचे व सौ से अधिक आरटीपीसीआर सैंपल लिए जाते थे। ऐसे में दूसरे सेंटर्स पर लोड बढ़ गया है। वहीं सैंपल भेजने से लेकर रिपोर्ट आने तक में 2-3 दिनों का समय लग जा रहा है।
जांच के मुकाबले सैंपल टीमें कम
शहर में रोजाना 55 सौ से ज्यादा कोरोना मरीज आ रहे है। वही विभाग दावा कर रहा है कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के आधार पर हर दिन 20 हजार से ज्यादा लोगो के सैम्पल लिए जा रहे है। इसके लिए 250 टीमें लगाई गई है। वही जिस हिसाब से संक्रमित मरीज दर्ज हो रहे है उस हिसाब जांच के लिए टीमें कम पड़ रही है। लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के महामंत्री योगेश उपाध्यक्ष का कहना है इन दिनों टीमो पर जांच का काफी दबाव है। कई टीमों के सदस्य भी संक्रमित हो गए है। ऐसे में विभाग को टीमें बढ़ानी चाहिए।