Mokshada Ekadashi 2022: सनातन हिन्दू धर्म में मोक्ष एकादशी का काफी महत्व है। 3 दिसंबर को यानी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के रूप में मनाया जाएगा।
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हिंदू धर्म के अनुसार, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु के लिए व्रत भी रखा जाता है जिससे भक्तों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पौराणिक मान्यता
मान्यता है कि मोक्ष प्राप्त किए बिना मनुष्य को बार-बार इस संसार में आना पड़ता है। पद्म पुराण में मोक्ष की चाह रखने वाले प्राणियों के लिए “मोक्षदा एकादशी व्रत” रखने की सलाह दी गई है। इस व्रत का उद्देश्य पितरो को मुक्ति दिलाना भी हैं। इससे मनुष्य के पूर्वजो को मोक्ष मिलता हैं।
मोक्षदा एकादशी का शुभ मुहुर्त
मोक्षदा एकादशी शनिवार यानी 3 दिसंबर की सुबह 05 बजकर 39 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन रविवार यानी 04 दिसंबर को सुबह 05 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी। मोक्षदा एकादशी का व्रत का पारण सुबह 07:05 बजे से सुबह 09:09 बजे तक कर सकते हैं।
मोक्षदा एकादशी की पूजा विधि
- मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्नान आदि से निवृत हो लें।
- इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करें।
- मंदिर में भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप की तस्वीर या मूर्ति के सामने देसी घी का दीपक और धूप जलाएं और फिर व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करें, उन्हें फूलों की माला पहनाएं। इसके बाद विधि-विधान से पूजा करें।
- भगवान विष्णु को मिठाई और फलों का भोग लगाएं।
- एकादशी की कथा सुनने के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना उत्तम रहेगा।
- इसके बाद भगवान विष्णु की आरती उतारें।
- ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का अधिक से अधिक बार जाप करें।