पितृपक्ष में कोई भी शुभ काम नहीं किये जाते हैं । इन दिनों तक अपने पूर्वजों को दान, खाना खिलाने की परंम्परा है। बता दें कि श्राद्ध इस बार 20 सितबर
2021 से शुरु होने वाले हैं। हर साल की भाद्रपद महीने की पूर्णिमा से पितृपक्ष शुरु होते हैं। और आश्विन महीने की अमावस्या तक चलते हैं। वही श्राद्ध पक्ष में कोई भी शुभ काम नहीं किये जाते हैं। जैसे मुंडन, सगाई, शादी, घर की खरीददारी आदि। इन सभी कामों की शास्त्रों में मनाही हैं। साथ ही सगाई और शादी जैसे काम भी इन दिनों नहीं किये जाते।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसके पीछे का कारण क्योंकि कई लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं होती है।
क्यों नहीं किये जाते हैं शुभ काम:
कहा जाता है कि पितृपक्ष के दौरान पितरों को शक्ति होती है कि वो सभी चीजों को देख कते हैं। और वो अपनों से मिलने के लिये आते हैं। हमारे बीच आते हैं। ऐसे में हमें उनकी पसंद की चीजें जैसे कपड़े, खाने की चीजें आदि दान देना चाहिये।
इससे वो खुश होकर हमें आर्शीवाद देते हैं। और हमारे जीवन में उनके आर्शीवाद से सब अच्छा होता है। क्योंकि अगर हम ऐसा नहीं करते तो वो हमसे नाराज हो जाते हैं कि हम उनके लिये थोड़ा भी समय नहीं निकाल रहे। और ना ही कुछ दान कर रहे हैं। इसलिए कहा जाता है कि पितृ पक्ष में उनको याद करना चाहिये और उनकी पसंद की चीजों का दान भी करना चाहिये।
क्यों जरुरी माना जाता है तर्पण:
ऐसा कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितृलोक में पानी की कमी हो जाती है, ऐसे में हमारे पूर्वज पृथ्वी पर अपने लोगों के बीच आते हैं। और जब उनके वंशज तर्पण करते हैं, तो पितर तृप्त होते हैं। इससे उनको शांति मिलती है खुशी मिलती है। और ऐसा करने से परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है।