कासगंजः ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन पृथ्वी पर मां गंगा का अवतरण हुआ था। पुराणों में कहा जाता है कि मां गंगा का पृथ्वी पर लाने के लिए भगवान राम के वंशज भागीरथी ने हजारों सालों तक तप किया था। तब कहीं जाकर मोक्षदायिनी मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था।
अपने अतृप्त पित्तरों को तृप्त करने के लिए भागीरथ ने अलग-अलग स्थाओं और गुफाओं में घोर तपस्या की थी। भागीरथ के इन्ही पावन तप स्थली में से एक जगह है उत्तर प्रदेश के कासगंज का सोरोंजी शूकर क्षेत्र।
सोरों जी से 2 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में आज भी एक पौराणिक गुफा मौजूद है। इस गुफा को भागीरथ की गुफा के नाम से जाना जाता है। स्थानीय लोगों की माने तो इसी गुफा में भागीरथ ने बैठकर तपस्या की थी। पुराणों के अनुसार इस पवित्र गुफा को भागीरथ की गुफा के अलावा कपिल मुनि की गुफा और पाताल लोक के नाम से भी जाना जाता है।