पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा प्रधानमंत्री के साथ की गई मुलाकात के दौरान कहा गया है कि राज्य में सीमा प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए वर्ष 2016 में गृह मामले के केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा आईआर की दो बटालियन खड़ी करने के लिए स्वीकृति के लिए पूंजी लागत के अतिरिक्त वार्षिक लागतों से निपटने के लिए पंजाब को जरूरी फंड उपलब्ध करवाऐ जाने के लिए जोर दिया है।
उन्होंने सुरक्षा से संबधित खर्चे (एसआरई) स्कीम के प्रसार की भी मांग की है जोकि वर्तमान समय वामपंथी आंतकवाद से प्रभावित राज्यों में लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में भी अस्थिरता पैदा करने और सदभावना को ठेस पहुंचाने की उच्च स्तर पर कोशिशें की गई हैं। जिनके मद्देनजर यहां भी यह स्कीम शुरू की जानी चाहिए। इस सीमावर्ती नाजुक राज्य में खुफिया बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए गृह मामलों के मंत्रालय द्वारा विशेष वित्तीय व्यवस्थाएं करने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहां कि बहुत से क्षेत्रों में सोशल मीडिया पर निगरानी रखने , गैर कानूनी कार्रवाई पर रोक लगाने आदि के लिए समर्था निगरान की आवश्यक जरूरत के लिए ठोस निवेश की जरूरत है।
उन्होंने फेसबुक व वाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया के बढ़ रहे प्रयोग पर गंभीर चिंता प्रकट की, जिसके द्वारा पंजाब सहित देश भर में सूचना के प्रसार द्वारा सांप्रदायिकता को हवा देकर कानून व्यवस्था की समस्या पैदा की जा रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर निगरानी रखने के लिए केन्द्र की सहायता मांगी और इस संबध में विभिन्न सुझाव पेश किए जोकि इस के दुरूप्रयोग को रोकने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए मददगार हो सकते है।