जीएसटी में कपड़े पर पांच फीसदी टैक्स के विरोध में लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी बुनकरों ने बाजार बंद रखा। साड़ी और कपड़ा बाजार में दुकानों के शटर नहीं खुलने से सन्नाटा पसरा रहा। बंद के समर्थन में जरी कारोबारियों ने भी प्रतिष्ठान बंद रखा। बुनकर बिरादराना तंजीम की ओर से घोषित चार दिवसीय बाजार बंद से बुनकर बहुल इलाकों में पावर लूम, हथकरघा के साथ चाय-पान की दुकानें भी बंद रहीं।
बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के सदस्यों ने बुनकर मार्केट में धरना दिया। बड़ी बाजार व मदनपुरा में नुक्कड़ सभाएं हुई। बनारस वस्त्र उद्योग एसोसिएशन व बनारस साड़ी डीलर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने दावा किया कि बंद पूरी तरह सफल है। उन्होंने बताया कि दूसरे दिन साड़ी के साथ रेशम, जरी, कलाबत्तू के कारोबारियों ने दुकानें बंद रखीं, जिससे साड़ी बाजार पूरी तरह से बंद है। हड़ताल में चौक क्षेत्र के लक्खी चौतरा, रानी कुंआ, नंदन साहू लेन, सत्ती चौतरा, कुंज गली, ठठेरी बाजार, बड़ी बाजार, उस्मानपुरा, हनुमान फाटक, छित्तनपुरा, सलारपुरा, मदनपुरा, लोहता के व्यापारी बुनकर शामिल हैं।
बनारसी वस्त्र उद्योग एसोसिएशन व बनारस साड़ी डीलर एसोसियेशन के पदाधिकारी देवेंद्र मोहन पाठक, विजय कपूर, हाजी रहीम, अतीक अंसारी, हाजी जियाउद्दीन, गौतम टंडन, संजय आदि लगातार हड़ताल को सफल बनाने के लिए भ्रमण करते रहे। गौरतलब करने वाली बात यह है कि 30 जून आधी रात के बाद से देश में जीएसटी लागू हो गया था। जीएसटी लागू करने का विरोध देश में कई सारी जगह पर हो रहा है। आए दिन जीएसटी करने पर खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में कई सारे राजनीति दल भी जीएसटी लागू करने का विरोध कर रहे हैं।