नई दिल्ली। दिल्ली की आप सरकार के शिक्षा संबंधी दावों पर स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने शनिवार को करारा प्रहार किया है। दिल्ली में चल रही ‘जवाब दो हिसाब दो’ मुहिम के तहत यादव ने दिल्ली सरकार से गेस्ट टीचर्स के संबंध में किये गये वादों और कामों का हिसाब मांगा।
सरकारी स्कूलों में आधे पद खाली:-
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार संबंधी आप सरकार के सारे दावे फर्जी हैं। इनका हकीकत से कोई लेने देना नहीं है। यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक राजधानी के स्कूलों में शिक्षकों के लगभग आधे पद खाली पड़े हैं। दिसंबर 2016 में सरकार द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एफिडेविट के अनुसार 59,409 शिक्षकों के स्थान पर सिर्फ़ 33,569 शिक्षकों की स्थाई रूप से बहाली की गयी है। जबकि आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में लिखकर यह वादा किया था कि सरकार बनते ही अतिथि शिक्षकों को नियमित कर दिया जायेगा लेकिन गेस्ट टीचर्स को स्थाई करना तो दूर शिक्षा विभाग में 20 महीने से कोई भी स्थायी वैकेंसी नहीं निकली है।
दिल्ली में किया वादों का उल्लंघन अब पंजाब की बारी:-
यादव ने कहा कि जिस आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में ठेका प्रथा बंद करने की बात कही थी, उसने सरकार बनने के बाद सिर्फ और सिर्फ ठेके पर ही नियुक्तियां की। ऐसे समय में जबकि बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार घूम रहे हैं या अस्थाई कार्यों से गुजारा चला रहे हैं, दिल्ली सरकार रिटायर्ड कर्मचारियों को एक्सटेंशन देकर उन्हें नौकरी देने में लगी है, वो भी स्थाई वेतन पर। दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की सुस्त कार्यप्रणाली के चलते 10 साल पुराने विज्ञापन भी रुके पड़े हैं। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट के ‘समान कार्य, समान वेतन’ के आदेश का भी उल्लंघन किया जा रहा है। और तो और, दिल्ली में अपने वादों का उल्लंघन करने के बाद आम आदमी पार्टी अब पंजाब में समान वेतन देने का वादा कर आई है।
सिद्धांतों से भटकी पार्टी:-
योगेन्द्र यादव ने आरोप लगाया कि आम आदमी के साथ रहने का दावा करने वाली आप अब अपने सिद्धांतों से भटक गई है। पार्टी निजी लोगों के हितों का पोषण करने के लिए आम आदमी का साथ छोड़ रही है। स्वराज इंडिया ने मांग की कि है कि सीटीईटी व नॉन-सीटीईटी कर्मचारियों को सर्वोच्च न्यायलय के फैसले के अन्तर्गत ‘समान कार्य, समान वेतन’मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि एजुकेशन लोन के तहत 30 दिसंबर, 2016 तक 405 बच्चों ने अप्लाई किया। इनमें से 97 बच्चों को लोन मिला जबकि इसके प्रचार में कुल 60 लाख रुपये विज्ञापन पर खर्च कर दिये गये ।
यादव ने कहा कि दिल्ली में ठेका प्रथा बंद करने का वादा करने वाली पार्टी ने पिछले दो सालों में सिर्फ़ ठेके पर ही नियुक्तियां की हैं। पूरे शिक्षा विभाग में एक भी स्थायी बहाली नहीं हुई। यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल इस सब की ज़िम्मेदारी लेते हुए शिक्षकों एवं दिल्ली की जनता से मांफी मांगें।